केंद्र सरकार ने चुनाव में होने वाली बोगस वोटिंग को रोकने के लिए आधार कार्ड से वोटर कार्ड को लिंक करने के लिए मंजूरी दे दी है। जिसके बाद पैन कार्ड और आधार कार्ड की तरह ही वोटर कार्ड को आधार कार्ड से लिंक किया जाएगा। ऐसे में जो लोग एक से ज्यादा वोटर कार्ड रखते हैं। उनके बाकी वोटर कार्ड अपने आप निरस्त हो जाएंगे।

आपको बता दें इसके लिए चुनाव आयोग ने सरकार से सिफारिश की थी, ताकि मतदाता सूची ज्यादा पारदर्शी हो और फर्जी वोटर को हटाया जा सकें। आधार को वोटर कार्ड से जोड़ने से आदमी एक से ज्यादा वोटर कार्ड नहीं रख सकेगा।

क्या सभी को कराना होगा लिंक- फिलहाल आधार को वोटर कार्ड से लिंक कराना अनिवार्य नहीं है। लेकिन आने वाले दिनों में सरकार इस फैसले को अनिवार्य कर सकती है। जिसको ध्यान में रखते हुए आपको पहले ही आपने आधार को वोटर कार्ड से लिंक करा लेना चाहिए।

साल में 4 बार मिलेगा वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने का मौका – सरकार ने देश के युवाओं को हर साल चार बार अलग-अलग तारीखों पर खुद को वोटर के तौर पर रजिस्टर करने की इजाजत दी है। जिसके बाद जो लोग साल में अलग-अलग महीनों में अपनी 18वीं साल की उम्र का पड़ाव पूरा करेंगे। वो सभी उसी साल वोटर लिस्ट में अपना नाम जुड़वा सकेंगे।

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2015 में भी शुरू किया था वोटर ID को आधार से जोड़ने का काम – चुनाव आयोग ने 2015 में अपने राष्ट्रीय मतदाता सूची शोधन और प्रमाणीकरण कार्यक्रम (NERPAP) के हिस्से के रूप में मतदाता कार्ड और आधार संख्या को जोड़ने का काम शुरू किया था। बाद में चुनाव आयोग ने आधार के उपयोग को प्रतिबंधित करने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले को देखते हुए कार्यक्रम को छोड़ने का फैसला किया था। फिलहाल ये नियम लागू नहीं हुआ है। लेकिन ये बिल जैसे ही दोनों सदन में पास होगा। उसके बाद राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही कानून के तौर पर लागू हो जाएगा।