भारतीय रेलवे यात्रा बेहतर ओर यात्रियों के लिए सुपीरियर बनाने के लिए वंदे भारत ट्रेन (Vande Bharat Express Trains) की शुरूआत कर दी है। यह राजधानी और शताब्दी ट्रेनों (Rajdhani Express and Shatabdi Express Trains) से कई ज्यादा बेहतर होगी, जो यात्रियों कम समय में ज्यादा दूरी तय कराएगी। साथ ही इस ट्रेन में शताब्दी और राजधानी ट्रेनों से कई बेहतर सुविधाएं होंगी।
इस साल के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitaraman) ने कहा था कि 3 सालों में 400 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन बनाने की योजना है। भारतीय रेलवे ने हाल ही में 200 स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस के लिए टेंडर जारी किया है तो वहीं 100 से अधिक चेयर वाले ट्रेन को जारी करने पर काम कर रहा है।
वर्ल्ड क्लास होंगी सुविधाएं
नई वंदे भारत ट्रेनों की सर्विस प्रीमियम राजधानी एक्सप्रेस से बड़ा अपग्रेड होने की उम्मीद है। भारतीय रेलवे ने कहा है कि नई ट्रेनों में आराम, कार्यक्षमता और लुक के मामले में विश्व स्तर पर “सर्वश्रेष्ठ-इन-क्लास” ट्रेनों की तरह यात्री सुविधाएं होंगी।
इस धातु से बनेंगी ट्रेनें
पूरी तरह से वातानुकूलित ट्रेनों को 35 साल के जीवन के लिए लंबी और मध्यम दूरी की सेवाओं के लिए उपयोग करने के लिए डिज़ाइन किया जाएगा। दस्तावेजों के अनुसार, स्लीपर ट्रेनें स्टेनलेस स्टील या एल्यूमीनियम से बनी होंगी, बाद वाली रेलवे के लिए पहली ट्रेन होगी। मौजूदा वंदे भारत ट्रेनों की तरह, इनमें दोनों सिरों पर ड्राइविंग कैब होंगी, जिससे वे बिना लोकोमोटिव के किसी भी दिशा में चल सकेंगी।
चेयर यान ट्रेनों में कोच
16 चेयर ट्रेनों में 3 टियर कोच होंगे, 20 चेयर ट्रनों में 15 और 24 में 19 कोच होंगे। सभी में चार, 2-टियर कोच और 1 प्रथम श्रेणी कोच होंगे।
क्या होगी 20 खासियत
अंतरिक सजावट: इसे कुछ इस तरह से बनाया जाएगा, जो वर्ल्ड क्लास ट्रेनों का आभास कराएगा। इसके डैमेज पार्ट को साफ करना और बनाए रखना आसान होगा। बाहरी पेंटिंग पर भी एक एंटी-ग्रैफिटी कोटिंग दी जाएगी।
बर्थ: लंबी दूरी के लिए आरामदायक बर्थ होंगी। प्रथम श्रेणी के एसी कोचों में दरवाजों के साथ क्यूबिकल होंगे, जबकि एसी 2-टियर और 3-टियर कोच में विभाजित बर्थ दिया जाएगा, जो आपकी प्राइवेसी, आराम का ध्यान रखेगी।
कोचों की विशेषताएं: सभी स्लीपर कोचों में कुशन वाली लाइटवेट बर्थ होगी। फ्री मूवमेंट के लिए पर्याप्त जगह, लैपटॉप, मोबाइल चार्जिंग सॉकेट और प्रत्येक सीट के लिए यूएसबी, सभी यात्रियों के लिए रीडिंग लाइट और मैग्जीन पाउच और बोतल होल्डर होंगे।
सभी यात्री डिब्बों में एलईडी-टाइप नाइट लाइट्स, लिनेन रखने की जगह और एस्कॉर्टिंग स्टाफ के लिए एक बर्थ की व्यवस्था की जाएगी। एसी 3-टियर कोच में 4 यात्रियों के लिए एक स्नैक टेबल उपलब्ध कराया जाएगा, जबकि एसी 2-टियर में 3 यात्रियों के लिए टेबल उपलब्ध कराई जाएगी। फर्स्ट क्लास एसी कोच में प्रति केबिन एक एलसीडी डिस्प्ले और प्रति यात्री एक स्नैक टेबल होगा।
शौचालय: वंदे भारत की नई ट्रेनों में जीरो-डिस्चार्ज बायो टॉयलेट का भी इस्तेमाल होगा। सभी डिब्बों में तीन शौचालय होंगे, प्रति कोच एक शौचालय भारतीय शैली का होगा और शेष में उपयुक्त सीट और स्वास्थ्य नल सहित कवर के साथ एक वेस्ट कमोड होगा। प्रथम श्रेणी एसी कोच में, शौचालय में गर्म पानी के प्रावधान के साथ शॉवर एरिया भी दिया जाएगा।
अधिकतम गति: इस ट्रेन को हर ट्रैक पर 160 किमी प्रति घंटे के हिसाब से चलाने के लिए तैयार किया गया है, जिसका ट्रायल 180 किमी प्रति घंटे पर किया गया है। इसके अतिरिक्त, ट्रेनें लेवल ट्रैक पर अधिकतम 140 सेकंड में 0 किमी प्रति घंटे से 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ने में सक्षम होंगी।
ऑटोमैटिक दरवाजे: सभी डिब्बों में प्रत्येक तरफ ऑटोमैटिक आंतरिक दरवाजे और ऑटो प्लग टाइप के दरवाजे होंगे।
सब-पेंट्री: सभी ट्रेनों में एक सब-पेंट्री होगी, जिसमें बोतल कूलर सह डीप फ्रीजर, वाटर बॉयलर, हॉट केस, यात्रियों की सेवा के लिए ट्रॉली आदि दी जाएगी।
सीसीटीवी: यात्री क्षेत्रों को कवर करने के लिए ट्रेन के प्रत्येक कोच में पर्याप्त निगरानी कैमरे होंगे। स्लीपर ट्रेनों के लिए कोच में पूरे कॉरिडोर की कवरेज मुहैया कराई जाएगी।
यात्री सूचना प्रणाली: ऑटोमैटिक घोषणाओं के लिए जीपीएस आधारित यात्री सूचना प्रणाली स्थापित की जाएगी। यह हिंदी, अंग्रेजी और क्षेत्रीय भाषाओं में होगी।
मौसम की स्थिति: भारतीय रेलवे ने आपूर्तिकर्ता को मौसम की स्थितियों, विशेष रूप से भारी मानसून, ट्रैक बाढ़ की स्थिति, खारा, आर्द्र और धूल भरे वातावरण आदि पर ध्यान देने के लिए कहा है।
वाई-फाई आधारित इंफोटेनमेंट सिस्टम: एक वाई-फाई बेस्ड इंफोटेनमेंट सिस्टम सभी यात्रियों के लिए उपलब्ध होगा।
आपातकालीन अलार्म और निकास: 40 से कम यात्रियों के लिए प्रति वाहन कम से कम 2 आपातकालीन निकास होंगे और 40 से अधिक यात्रियों के लिए कम से कम 4 होंगे।
कवच: इस ट्रेन में कवच तकनीक होगी, जो दो ट्रेनों के एक ही ट्रैक पर आने पर अपने आप ही रुक जाएगी और ट्रेनों को आपस में टकराने से रोकेगी।
आरक्षण की जानकारी: प्रत्येक यात्री सीट के लिए आरक्षण की जानकारी सीट पर या उसके आस-पास ही दी जाएगी।
वाइस सिस्टम: लोको पायलट अपने सीट से ही घोषणा कर सकेगा और यात्रियों को विशेष सूचनाएं पहुंचा सकेगा।
विकलांगों के लिए सुविधा: वंदे भारत ट्रेन में विकलांगों के लिए भी सुविधा दी गई है, जिसमें व्हीचेयर से लेकर अलग तरह का शौचालय भी बनाया गया है।
डिस्प्ले बोर्ड: प्रत्येक कोच में दो डिजिटल डेस्टिनेशन बोर्ड होंगे। इसके अतिरिक्त, प्रत्येक कोच के अंदर दरवाजे के ऊपर दो एलईडी डिस्प्ले बोर्ड होंगे जो आने वाले स्टेशन, वर्तमान और अगले पड़ाव स्टेशन, अगले स्टेशनों के लिए समय, चलने की गति, प्लेटफॉर्म की तरफ, देर से चलने की स्थिति आदि बताएंगे।
आग से सुरक्षा: इस ट्रेन में आग से सुरक्षा के लिए प्रत्येक कोच में कम से कम दो अग्निशामक यंत्र लगाए जाएंगे।
मॉनिटरिंग सिस्टम: प्रत्येक चेयर यान में मॉनिटरिंग सिस्टम दिया जाएगा, जो हर स्थिति को मॉनिटर, रिकॉर्डिंग और एसी कंट्रोल सिस्टम, इलेक्ट्रिक पॉवर सप्लाई पर निगरानी रखेगा। इसके अलावा अलर्ट और एसी प्लाट सिस्टम भी होगा।
पशु सुरक्षा: भारतीय रेलवे ने कहा है कि नई वंदे भारत ट्रेनों के ड्राइविंग कैब के अंत में एक मजबूत पशु रक्षक होगा। यह 600 किलोग्राम तक वजन वाले जानवरों के साथ अधिकतम गति से टकराव का सामना करने में मदद करेगा।