अब अजन्‍मे बच्‍चों को भी बीमा कवर दी जाएगी। एक बीमा कंपनी ने माता- पिता के खर्च को कम करने के लिए जन्‍म के समय जन्म दोष और शैशवावस्था के दौरान सर्जिकल समस्याओं के लिए बीमा करने पर सहमति व्यक्त की है। कंपनी के इस फैसले से उन परिवारों को ज्‍यादा फायदा होगा, जो आर्थिक स्थिति से कमजोर हैं या अच्‍छे अस्‍पताल में इलाज नहीं करा सकते हैं। इस बीमा कवर के होने से लाखों बच्‍चों को हर साल फायदा मिलेगा।

इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक सर्जन (IAPS), जिसमें लंबे समय से अजन्‍मे बच्‍चे के बीमा कवर को लेकर विचार-विमर्श हुआ था। अधिकारियों ने जानकारी दी कि कई कंपनियों के साथ इस बीमा को लेकर अभी चर्चा की जा रही है। लेकिन फिलहाल में अभी एक निजी कंपनी-स्टार हेल्थ एंड एलाइड इंश्योरेंस कंपनी के साथ ब्रेक-थ्रू किया गया है, जो कवर प्रदान करने के लिए सहमत हुई है और बहुत जल्‍द ही कई अन्य बीमा प्रदाताओं के साथ इसे लेकर सहमति बन जाएगी।

IAPS के अध्‍यक्ष रविंद्र रामद्वार ने कहा कि कंपनियां अजन्‍मे बच्‍चे को लेकर बीमा करने का दावा नहीं करती हैं, जिस कारण से लाखों परिवारों को इसे लेकर समस्‍या आती है। उन्‍हें सबसे अधिक परेशानी होती है, जिन्‍होंने हाल ही में अपनी नौकरी शुरू की है या फिर उन्‍हें जो आर्थिक समस्‍याओं से गुजर रहे हैं। ऐसे में इन लोगों के लिए यह व्‍यवस्‍था अच्‍छी हो सकती है। ये अब अपने इच्‍छा अनुसार किसी भी अच्‍छे अस्‍पताल में इलाज करा सकते हैं। रविंद्र ने बताया कि हर साल तकरीबन 1.7 लाख अजन्‍मे बच्‍चे इन समस्‍याओं का शिकार होते हैं।

बीमा कंपनी स्‍टार हेल्‍थ के एमडी एस प्रकाश के अनुसार, कंपनी कुछ ही हफ्तों में पॉलिसी निकालने वाली है। इस पॉलिसी पर अभी काम जारी है, यह पॉलिसी दो सालों की होगी। जिसमें नए कपल इसे करा सकते हैं और अगर इस तरह की कोई भी समस्‍या आती है तो इसका लाभ भी ले सकते हैं। हालाकि उन्‍होंने इस पॉलिसी के बारे में और ज्‍यादा जानकारी नहीं दी, लेकिन कहा कि यह पॉलिस आम आदमी के बजट के अनुसार ही बनाया जाएगा। इस पॉलिसी के लेने के बाद किसी तरह की समस्‍या पर पूरी तरह से जिम्‍मेदारी बीमा कंपनी की होगी।

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