माता-पिता अपने बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए कई योजनाओं में निवेश की प्लानिंग करते हैं। केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से कई ऐसी योजनाएं चलाई जाती हैं, जो बेटियों की आर्थिक रूप से मदद करती हैं। यहां एक लड़कियों के लिए पांच ऐसी योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई है। आइए जानते हैं किसमें क्या लाभ मिलेगा।
सुकन्या समृद्धि योजना (SSY)
सुकन्या समृद्धि योजना एक सरकारी स्कीम है, जिसे स्माल सेविंग स्कीम के तहत पेश किया गया है। इस योजना के तहत माता पिता बच्ची के जन्म से लेकर कभी भी 10 साल तक आवेदन कर सकते हैं। इस योजना के तहत एक साल के दौरान कम से कम 250 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये का निवेश किया जा सकता है। अकाउंट ओपनिंग के 21 साल में यह मैच्योर होगी और 18 साल की उम्र में 50 फीसदी पैसा निकाला जा सकता है। इस योजना के तहत ब्याज दर 7.6 फीसदी है, जो हर तिमाही में बदलती रहती है।
बालिका समृद्धि योजना
बालिका समृद्धि योजना बीपीएल परिवार के लड़कियों को कवर करती है। मणिपुर सरकार के समाज कल्याण विभाग की वेबसाइट के अनुसार, इस योजना के तहत एक बालिका को कई लाभ दिए जाते हैं।
इस योजना के तहत जन्म के बाद की अनुदान राशि 500 रुपये, वहीं शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति के तौर पर क्लास एक से तीन तक लिए प्रति वर्ष 300 रुपये, 4 के लिए 500 रुपये प्रति वर्ष, पांच के लिए 600 रुपये प्रति वर्ष, क्लास VI-VII के लिए 700 रुपये हर साल, 8वीं के लिए 800 रुपये और 9वी से 10वीं के लिए 1000 रुपये दी जाती है।
UDAAN CBSE स्कॉलरशिप प्रोग्राम
UDAAN केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) की ओर से इंजीनियरिंग संस्थानों में छात्राओं के कम नामांकन और स्कूली शिक्षा और इंजीनियरिंग के बीच की कमी को दूर करने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई है। भारत में किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड या सीबीएसई से संबद्ध निजी स्कूलों के केवी, एनवी या सरकारी स्कूलों की ग्यारहवीं कक्षा में पढ़ने वाली सभी छात्राएं उड़ान सीबीएसई छात्रवृत्ति कार्यक्रम के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस योजना के तहत स्कॉलरशिप का लाभ लेने के लिए cbse.nic.in या cbseacademic.in पर जाकर उड़ान आवेदन पत्र भरना होगा।
सेकेंड्री स्कूल के लिए लड़कियों को प्रोत्साहन योजना
लड़कियों को सेकेंड्री स्कूली शिक्षा के लिए प्रोत्साहन देने के लिए इस योजना की शुरुआत 2008 में की गई थी। माध्यमिक विद्यालयों में अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति समुदायों से संबंधित लड़कियों के नामांकन को बढ़ावा देने और ड्रापआउट को कम करने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई है। इस स्कीम के तहत योग्या अविवाहित लड़कियों के नाम पर 3000 रुपये की राशि सावधि जमा के रूप में नौवीं क्लास में नामांकन पर जमा की जाती है, जो 18 साल की आयु तक पहुंचने और दसवीं क्लास की पास करने पर ब्याज के साथ वापस दिया जाएगा।
राज्य सरकारों की ओर से चलाई जाने वाली योजनाएं
दिल्ली, महाराष्ट्र, बिहार, उत्तराखंड, राजस्थान और पश्चिम बंगाल सहित कई राज्य सरकारें बालिकाओं के माता-पिता को उनके जन्म से लेकर उच्च शिक्षा तक आर्थिक लाभ प्रदान करती हैं। दिल्ली लाडली योजना, बिहार में मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना और पश्चिम बंगाल में कन्याश्री योजनाओं की शुरुआत की गई है।