रिजर्व बैंक ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक को-ऑपरेटिव बैंक के लाइसेंस को रद्द कर दिया है। भारतीय रिजर्व बैंक ( RBI) ने बुधवार को लाइसेंस रद्द करने की घोषणा करते हुए कहा कि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं। इस कारण से इस बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है और अब इस बैंक में जमा राशि के पुनभुगतान और नए धन जमा करने की स्वीकृति से प्रतिबंध कर दिया गया है।
रिज़र्व बैंक ने बुधवार को द मुधोल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, बागलकोट ( कर्नाटक ) का लाइसेंस रद्द किया है। इसके ‘बैंकिंग’ व्यवसाय करने से भी प्रतिबंधित कर दिया गया है, जिसमें सुविधाओं के अलावा, जमा की स्वीकृति और जमा राशि के भुगतान को रोक दिया गया है। आरबीआई ने यह भी कहा कि बैंक अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति के साथ अपने वर्तमान जमाकर्ताओं को पूरा भुगतान करने में असमर्थ होगा।
कैसे निकाल सकेंगे आप अपना पैसा?
बैंक द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, आरबीआई ने कहा कि 99 प्रतिशत से अधिक जमाकर्ता जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (DICGC) से अपनी जमा राशि की पूरी राशि पाने के हकदार होंगे। इस दौरान हर जमाकर्ता DICGC से 5 लाख रुपए तक की जमा बीमा दावा राशि लेने के हकदार होंगे। आरबीआई ने कहा कि डीआईसीजीसी पहले ही बैंक के संबंधित जमाकर्ताओं से सहमति लेने के बाद कुल बीमित जमा राशि में से 16.69 करोड़ रुपए का भुगतान कर चुका है।
क्या है बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (DICGC)
DICGC की शुरुआत वर्ष 1978 में हुई थी। यह भारत में बैंकों के लिये जमा बीमा और कर्ज गारंटी के रूप में कार्य करता है। यह भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा संचालित और पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है। यह बैंक के डूबने पर प्रत्येक जमाकर्ताओं को 5 लाख तक की बीमा राशि का भुगतान करती है।
कोई सुविधाओं का नहीं कर सकेंगे उपयोग
आरबीआई के द्वारा बैन किए जाने के बाद अब यह बैंक किसी तरह की बैकिंग सुविधा का लाभ ग्राहकों को नहीं दे सकेगा। साथ ही यह बैंकिंग संबंधी व्यवसाय के लिए भी योग्य नहीं होगा। वहीं किसी व्यक्ति या संस्था को लोन भी जारी नहीं कर सकता है।