दिल्ली तिरुवअनंतपुरम राजधानी एक्सप्रेस सोमवार से गोवा में नहीं रुकेगी। दरअसल यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि गोवा में हाल ही में कोरोना के 20 नए मरीज पाए गए हैं। यही वजह है कि गोवा के सीएम ने केन्द्र सरकार से यह अपील की थी कि स्पेशल ट्रेनों को गोवा में हाल्ट ना किया जाए। जिसके बाद गोवा सरकार की अपील को मानते हुए यह फैसला लिया गया है।
देश में लॉकडाउन 4.0 शुरू हो गया है। देश में लॉकडाउन का चौथा चरण 31 मई तक लागू रहेगा। लॉकडाउन का समय बढ़ते ही प्रवासी मजदूरों को गृह राज्य पहुंचाने की जिम्मेदारी भी बढ़ गई है। लॉकडाउन 4.0 के दौरान भी पैसेंजर ट्रेनों का संचालन बंद रहेगा और सिर्फ श्रमिक ट्रेन, स्पेशल ट्रेन और मालगाड़ियों का ही संचालन होगा।
स्पेशल ट्रेनों से श्रमिकों को उनके घर पहुंचाया जाएगा। केंद्र ने भी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने से लेकर खाना-पानी और जरूरी राहत सेवा के लिए राज्य सरकारों को निर्देश दिए हैं। इसी बीच, दिल्ली सरकार ने, प्रवासी मजदूरों और लोगों को उनके घर वापस पहुंचाने के लिए ट्रेन का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू किया है। दिल्ली में फंसे प्रवासी मजदूर और लोग अपने राज्यों में जाने के लिए https://epass.jantasamvad.org/train/passenger/ लिंक पर क्लिक कर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे।
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जानकारी देते हुए कहा, दिल्ली सरकार ने अभी तक श्रमिक स्पेशल ट्रेन के जरिए दिल्ली में फंसे 35,000 प्रवासियों को उनके राज्य में भेजा है। इसके अलावा 12,000 और लोग आज 8 अलग-अलग ट्रेनों के जरिए अलग-अलग राज्यों में भेजे जाएंगे। दिल्ली सरकार ने अभी तक बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में ट्रेन भेजी हैं।
रेलवे ने राज्य सरकारों से आग्रह किया है कि वे मजदूरों को नज़दीकी मेनलाइन स्टेशन पर रजिस्टर कर रेलवे को लिस्ट सौंपें ताकि जल्द मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाया जा सके।
सूरत से सीतामढ़ी जाती एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन में कल एक महिला ने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया।
केंद्र ने फंसे हुए प्रवासी मजदूरों और उनके गृह राज्यों के बीच परिवहन को लेकर मंगलवार को मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की जिसके तहत राज्य प्रभारी अधिकारियों को चिह्नित करेगा और प्रवासियों को भेजने या लाने के लिए आवश्यक व्यवस्था करेगा।
बता दें कि मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए रेल टिकट बुकिंग जारी है। गौर करने वाली बात यह है कि irctc.co.in या फिर IRCTC के मोबाइल एप के जरिए टिकट बुक कराया जा सकता है। टिकट विंडो पर जाकर टिकट नहीं खरीदा जा सकता।
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से प्रशासनिक अधिकारियों को जहां जरूरत हो, वहां रेलवे से और ट्रेनें चलाने का अनुरोध करने का निर्देश देने को कहा और यह सुनिश्चित करने को कहा कि किसी भी प्रवासी मजदूर को अपने गंतव्य तक पहुचंने के लिए सड़कों या रेल की पटरियों पर पैदल न चलना पड़े।
गृह सचिव ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अपने 29 अप्रैल के आदेश का स्मरण करवाया कि पारगमन मार्ग पर पड़ने वाले राज्य और केंद्र शासित प्रदेश प्रवासी मजदूरों की उन राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों तक आवाजाही को अनुमति देंगे जहां वे जाना चाह रहे होंगे।
रेल अधिकारियों के अनुसार, रेलवे के पास लगभग 300 ट्रेन रोजाना चलाने की क्षमता है, लेकिन वह इसकी आधी संख्या में ही ट्रेनों का परिचालन कर पा रहा है क्योंकि गंतव्य राज्य पर्याप्त संख्या में अनुमति नहीं भेज रहे। उन्होंने यह भी कहा कि गुजरात, महाराष्ट्र और केरल जैसे राज्य प्रवासी मजदूरों को वापस भेजने को तैयार हैं, लेकिन कई गंतव्य राज्य मंजूरी नहीं दे रहे।
भारतीय रेल ने मंगलवार को कहा कि एक मई से लेकर अब तक 1,595 श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई जा चुकी हैं और 21 लाख प्रवासियों को उनके घर पहुंचाया गया है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने एक ट्वीट में कहा कि उत्तर प्रदेश ने 837 ट्रेन, बिहार ने 428 और मध्य प्रदेश ने सौ से अधिक ट्रेनों को अनुमति दी। पंजाब से 188 ट्रेन, कर्नाटक से 89, तमिलनाडु से 61, तेलंगाना से 58, राजस्थान से 54, हरियाणा से 41 और उत्तर प्रदेश से 38 ट्रेन चलाई गईं।
नयी दिल्ली, 19 मई (भाषा) श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में प्रवासी मजदूरों की यात्रा को लेकर केंद्र और राज्यों के बीच विवाद के बाद रेलवे ने मंगलवार को कहा कि ऐसी ट्रेनों के परिचालन के लिए गंतव्य राज्यों की सहमति की जरूरत नहीं है। केंद्र सरकार ने प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्यों में पहुंचाने के लिए इन ट्रेनों को चलाने के वास्ते रेलवे के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की जिसमें कहा गया कि गृह मंत्रालय से चर्चा के बाद रेल मंत्रालय श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए मंजूरी देगा।
कुछ देर पहले ही एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन 1100 श्रमिकों को लेकर देहरादून से बिहार के अररिया के लिए रवाना हुई।
रेलवे ने राज्य सरकारों से आग्रह किया है कि वे मजदूरों को नज़दीकी मेनलाइन स्टेशन पर रजिस्टर कर रेलवे को लिस्ट सौंपें ताकि जल्द मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाया जा सके।
रेलवे प्रवक्ता आरडी वाजपेयी ने अपने एक बयान में कहा है कि रेल ऑपरेशन में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यह लॉकडाउन 3.0 के समान ही रहेगा। श्रमिक स्पेशल और 15 जोड़े स्पेशल ट्रेन, मालगाड़ी और पार्सल ट्रेन्स का पहले की तरह ही संचालन किया जाएगा।
भारतीय रेल ने एक मई से लेकर अब तक 1,414 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं और उनमें से अधिकतर ने गुजरात और महाराष्ट्र से प्रस्थान किया। रेलवे यह जानकारी देते हुए सोमवार को बताया कि 162 ट्रेन अभी रास्ते में हैं और 1,252 ट्रेन अपने गंतव्य पर पहुंच चुकी हैं। रेलवे ने कहा कि लगभग 116 ट्रेनें और चलाए जाने की प्रक्रिया में हैं। रेलवे ने एक मई से अब तक लगभग 18.5 लाख प्रवासियों को उनके घर पहुंचाया है।
गृह मंत्रालय ने राज्यों से प्रवासी मजदूरों के लिए और ट्रेनें चलाने की अनुमति मांगते हुए कहा कि बसों और ट्रेनों के प्रस्थान के बारे में अधिक स्पष्टता चाहिए। गृह मंत्रालय ने राज्यों से कहा है कि रेल मंत्रालय के साथ मिलकर प्रवासी मजदूरों के लिए अधिक विशेष ट्रेनें चलाई जाएं। एमएचए ने राज्यों से कहा बस और ट्रेन के चलने के संबंध में अफवाहों और अस्पष्टता के वजह से प्रवासी मजदूरों के बीच अशांति है।
बता दें कि मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए रेल टिकट बुकिंग जारी है। गौर करने वाली बात यह है कि irctc.co.in या फिर IRCTC के मोबाइल एप के जरिए टिकट बुक कराया जा सकता है। टिकट विंडो पर जाकर टिकट नहीं खरीदा जा सकता।
सरकार के लाख प्रयासों के बावजूद मजदूरों का देश के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में पलायन अब भी जारी है। रेलवे श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेनों से अधिक से अधिक मजदूरों को उनके घर पहुंचाने का हर संभव प्रयार कर रहा है मगर अब भी कई जगहों पर मजदूर पैदल ही अपने घर की ओर जाते नज़र आ रहे हैं।
एक बात जो गौर करने वाली है वह यह है कि रेलवे ने यात्रा के दौरान मोबाइल फोन में आरोग्य सेतु एप को अनिवार्य किया हुआ है। यदि आप भी ट्रेन में सफर करने वाले हैं तो आपके फोन में यह एप होना चाहिए।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में रेलवे अब तक 20 लाख से ज्यादा कामगारों को श्रमिक स्पेशल ट्रेन का संचालन कर घर पहुंचाया जा चुका है।
रेल मंत्रालय ने एक वीडियो साझा की है जिसमें लोग अपनी खुशी जाहिर करते हुए रेलवे को धन्यवाद दे रहे हैं। रेलवे ने लॉकडाउन में भी आंशिक रूप से सेवाएं शुरू कर लोगों को बड़ी राहत पहुंचाई है।
मुंबई में बांद्रा रेलवे स्टेशन के बाहर बिहार जाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन पकड़ने के लिए बड़ी तादाद में जुटे प्रवासी मजदूर। जिन लोगों ने रजिस्टर किया है केवल उन्हीं को मिली जाने की अनुमति।
अब तक दिल्ली से लगभग 65 हजार लोगों को भेजा गया है उनके घर। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में फंसे लोगों को उनके घर पहुंचाने के लिए हम अलग-अलग राज्यों से संपर्क कर रहे हैं।
गृह मंत्रालय ने राज्यों से प्रवासी मजदूरों के लिए और ट्रेनें चलाने की अनुमति मांगते हुए कहा कि बसों और ट्रेनों के प्रस्थान के बारे में अधिक स्पष्टता चाहिए। गृह मंत्रालय ने राज्यों से कहा है कि रेल मंत्रालय के साथ मिलकर प्रवासी मजदूरों के लिए अधिक विशेष ट्रेनें चलाई जाएं। एमएचए ने राज्यों से कहा बस और ट्रेन के चलने के संबंध में अफवाहों और अस्पष्टता के वजह से प्रवासी मजदूरों के बीच अशांति है।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने जानकारी दी थी कि Cyclone Amphan के कारण ओडिशा सरकार तटीय क्षेत्रों के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन नहीं चल पा रही है।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने आज सुबह अपने ट्विटर अकाउंट के जरिए एक वीडियो को साझा किया है:-
लॉकडाउन के चलते जहां अधिकतर सेवाएं बंद पड़ी थी। ऐसे में नौकरियों की भर्ती भी अटक गई थी। रेलवे भर्ती बोर्ड अजमेर ने करीब ढाई माह पहले चयनित 1700 सहायक लोको पायलट एवं तकनीशियन को अब तक ज्वाइनिंग नहीं दी है। माना जा रहा है कि अब जल्द ही चयनित उम्मीदवारों की ज्वाइनिंग की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
राज्य में लौटने वाले प्रवासियों में कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण, कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के बीच रेलवे मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को कहा कि बिहार ने प्रतिदिन 50 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को अनुमति देने की प्रतिबद्धता जाहिर की है। रेलवे द्वारा एक मई से ट्रेनों का परिचालन शुरू करने के बाद बिहार में तीन लाख से अधिक प्रवासी वापस आ चुके हैं और पचास हजार से अधिक लोग रास्ते में हैं। श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के आने के बाद से राज्य में कोरोना वायरस मामलों में वृद्धि देखने को मिली है। गोयल ने ंिहदी में ट्वीट किया, ‘‘मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी है कि बिहार के प्रवासी श्रमिकों के बारे में वहां के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के साथ मेरी सार्थक चर्चा हुई, और उन्होंने कामगारों को घर पहुंचाने के लिये 50 श्रमिक स्पेशल ट्रेन प्रतिदिन तक चलाने की स्वीकृति दी है।’’ हालांकि अधिकारियों ने कहा कि देश भर में फंसे 40 लाख प्रवासियों को राज्य में लाने के लिए प्रतिदिन 50 ट्रेनें पर्याप्त नहीं हैं।
भारतीय रेल ने एक मई से लेकर अब तक 1,414 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं और उनमें से अधिकतर ने गुजरात और महाराष्ट्र से प्रस्थान किया। रेलवे यह जानकारी देते हुए सोमवार को बताया कि 162 ट्रेन अभी रास्ते में हैं और 1,252 ट्रेन अपने गंतव्य पर पहुंच चुकी हैं। रेलवे ने कहा कि लगभग 116 ट्रेनें और चलाए जाने की प्रक्रिया में हैं। रेलवे ने एक मई से अब तक लगभग 18.5 लाख प्रवासियों को उनके घर पहुंचाया है।
कोविड-19 के चलते लागू लॉकडाउन के बीच दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के अन्य नगरों से हजारों श्रमिक सोमवार को बिहार और उत्तर प्रदेश स्थित अपने घरों को जाने के वास्ते श्रमिक विशेष ट्रेनों के पास हासिल करने के लिए यहां शहर स्थित रामलीला मैदान पहुंच गए। इससे अफरातफरी और भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई।
प्रयागराज के सूबेदारगंज स्टेशन से बिलासपुर, भाटपारा और रायपुर के लिए सोमवार शाम रवाना होने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेन को अपने यात्रियों के इतंजार में यहां घंटों खड़े रहना पड़ा। रेलवे एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। उत्तर मध्य रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी अमित मालवीय ने पीटीआई-भाषा को बताया कि ट्रेन को शाम 5 बजे रवाना होना था, लेकिन यात्रियों के नहीं आने से ट्रेन रवाना नहीं की गई। नगर मजिस्ट्रेट द्वारा मीडिया को इस ट्रेन की रवानगी के बारे में रात 11:52 बजे सूचित किया गया। इस तरह से ट्रेन अपने तय समय से करीब सात घंटे विलंब से रवाना हुई। इस ट्रेन से 1,121 प्रवासियों को उनके गंतव्यों के लिए भेजा गया।
बता दें कि मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए रेल टिकट बुकिंग जारी है। गौर करने वाली बात यह है कि irctc.co.in या फिर IRCTC के मोबाइल एप के जरिए टिकट बुक कराया जा सकता है। टिकट विंडो पर जाकर टिकट नहीं खरीदा जा सकता।
रेल मंत्री (Rail Minister) ने जानकारी दी कि कामगारों को वापस घर लाने के लिए अब तक 1,034 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को चलाया गया है जिसमें से 106 ट्रेन संचालित हुईं है। देश भर में चली कुल श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में से लगभग 80% ट्रेन इन उत्तर प्रदेश और बिहार के लिए चलाई गई हैं।
यूपी, पश्चिम बंगाल के लिए 800 श्रमिक ट्रेनों के लिए हरी झंडी दे दी गई है।
स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से जम्मू कश्मीर से मजदूर देश के अन्य राज्यों में जा रहे हैं।
अपने घरों को लौटने की कवायद में ट्रेन पकड़ने के लिए दिल्ली में मजदूरों की भारी भीड़ जमा हो रही है।
रेल मंत्रालय ने ट्वीट कर बताया कि Corona संक्रमण को फैलने से रोकना है तो कौन-कौन सी जरूरी बातें हैं जिनका ख्याल रखना है, पहला सोशल डिस्टेंसिंग, एक-दूसरे से कम से कम एक मीटर की दूरी होनी चाहिए और तीसरा घर में ही रखें।
ममता बनर्जी ने कहा अगले कुछ दिनों में हम 115 और ट्रेनों के परिचालन का प्रयास करेंगे, इतन ही नहीं राज्य सरकार ट्रेन का किराया देगी। बता दें कि पश्चिम बंगाल में भी लॉकडाउन 31 मई तक बढ़ गया है।
मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस से किशनगंज, कटिहार और दरभंगा के लिए 1600 प्रवासी मजदूरों के साथ रवाना हुई 3 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि श्रमिक स्पेशल ट्रेन में जा रही महिला ने शिशु को जन्म दिया। उन्होंने बताया कि महिला को रेलवे की तरफ से सहायता पहुंचाई गई थी। रेलवे ने आजतक अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हुए कई उदाहरण पेश किए हैं।
श्रमिक स्पेशल ट्रेन में रजिस्ट्रेशन के लिए गाजियाबाद में रामलीला मैदान में लगी हजारों प्रवासी मजदूरों की भीड़। जैसा की आप वीडियो में देख पा रहे हैं कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होता नहीं दिख रहा है।
रेल मंत्रालय के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से एक वीडियो को साझा किया है:-
IRCTC Railways Special Trains LIVE Updates: रेल मंत्री ने शेयर किया वीडियो