उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने किसानों को खुशखबरी दी है। राज्य सरकार चालू वित्तीय वर्ष में पीएम कुसुम योजना के तहत 30,000 से अधिक सोलर फोटोवोल्टिक सिंचाई पंप लगाएगी। राज्य सरकार इस परियोजना पर 217.84 करोड़ रुपये खर्च करेगी जबकि केंद्र का भी योगदान 217.09 करोड़ होगा। उत्तर प्रदेश न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी एजेंसी (UPNEDA) को इस परियोजना को शुरू करने के लिए अधिकृत किया गया है, जिसके तहत राज्य भर के किसानों को स्वच्छ ऊर्जा आधारित सिंचाई प्रणाली प्रदान की जाएगी।

केंद्रीय न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार, 7.5 एचपी तक के विभिन्न क्षमताओं के स्टैंडअलोन सोलर पंपों की स्थापना की लागत का 60% अनुदान के रूप में प्रदान किया जाएगा, जिनमें से प्रत्येक का 30% केंद्र और राज्य द्वारा वहन किया जाएगा।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया, “कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के माध्यम से स्टैंडअलोन सोलर पंप स्थापित करने में रुचि रखने वाले किसान अपना हिस्सा जमा करने के लिए बैंक ऋण का लाभ भी उठा सकते हैं। राज्य और केंद्र सरकारें इस पर कुल 6% ब्याज छूट में से 3% का योगदान देंगी। ये पंप किसानों को किफायती और पर्यावरण-अनुकूल ऊर्जा सोर्स प्रदान करेंगे। यह कदम पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन को कम करने और कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने में महत्वपूर्ण होगा। इससे सिंचाई लागत भी कम होगी क्योंकि किसानों को अपने कार्यों के लिए बिजली और डीजल पर कम निर्भर रहना पड़ेगा।”

इच्छुक किसानों को कृषि विभाग की वेबसाइट http://www.upagriculture.com पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। रजिस्ट्रेशन के बाद किसानों को पंप के श्रेणी का चयन करना चाहिए जिनके लिए वे आवेदन करना चाहते हैं। किसानों को टोकन का आवंटन पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर होगा। आवेदन प्रक्रिया के दौरान किसानों को टोकन के रूप में 5,000 रुपये का ऑनलाइन भुगतान करना होगा। सभी जिलों के लिए आवंटित लक्ष्य के अनुसार किसानों को सोलर पंप स्थापना के लिए सब्सिडी प्रदान की जाएगी।

केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार से पीएम-कुसुम योजना के तहत किसानों के लिए सौर ऊर्जा संचालित पंपों की कीमतें तय करने को कहा है। इस कदम का उद्देश्य किसानों को बाजार के उतार-चढ़ाव से बचाना और सोलर पंप अपनाने को प्रोत्साहित करना है। कीमतें बढ़ने पर राज्य सरकार सब्सिडी की अतिरिक्त लागत वहन करेगी, जबकि कीमतें घटने पर किसानों को अतिरिक्त पंप मिलेंगे। इस योजना का उद्देश्य डीजल से चलने वाले पंपों को बदलना और कृषि लागत को कम करना है। राज्य सरकार की 2023-24 में 30,000 सोलर पंप स्थापित करने की योजना है, जिसकी कुल लागत 434.94 करोड़ रुपये है।