प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को सालाना 6,000 रुपए दिए जाते हैं। यह रकम हर चार महीने पर तीन किस्त में 2000-2000 रुपए करके दी जाती है। इस योजना के तहत परिवार के एक ही सदस्य को लाभ दिया जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि अगर योजना के लाभार्थी की मौत हो जाती है तो किसे इस योजना का लाभ दिया जाता है? आइए जानते हैं।
PM Kisan योजना एक ऐसी स्कीम है, जिसमें भारत के भूमिधारी किसानों को लाभ दिया जाता है। हालाकि इस कैटेगरी में बड़े किसान वर्ग को शामिल नहीं किया गया है। वहीं इस योजना के लाभार्थी किसान की मौत हो जाती है तो ऐसी स्थिति में किसान के उत्तराधिकार को इस योजना का लाभ दिया जाता है। उत्तर प्रदेश सरकार के एक बयान में कहा गया है कि उत्तराधिकार को इसका लाभ दिया जाता है या फिर जिसके नाम से कृषि भूमि रहती है, उसके नाम से किस्त जारी की जाती है।
पीएम किसान के लाभार्थी भू-स्वामी की मृत्यु होने पर क्या होगी प्रक्रिया?
- कृषि विभाग के फील्ड अधिकारियों व तहसील/विकास खंड को जानकारी दी जाएगी, जिसके बाद विरासत दर्ज की जाएगी।
- यह राजस्व कर्मी का दायित्व होगा कि वह विरासत दर्ज करते ही मृतक का विवरण संबंधित कृषि विभाग के फील्ड अधिकारी को भेजे ताकि आगे की किस्त भुगतान रुक जाए।
- इसके बाद कृषि विभाग के अधिकारी/फील्ड लेवल कर्मचारी या लेखपाल से जानकारी ली जाएगी कि क्या कृषि भू-स्वामियों की मृत्यु हुई है?
- परिवार के सदस्य भी योजना के लाभार्थी की मृत्यु की सूचना दे सकते हैं।
- सूचना कंफर्म होने के बाद निदेशालय द्वारा मृतक व्यक्ति की जानकारी अपलोड कर दी जाएगी और पीएम किसान योजना की किस्त रोक दी जाएगी।
कैसे मिलेगा वारिसों को योजना का लाभ?
पीएम किसान योजना की भारत सरकार द्वारा जारी गाइड-लाइन के अनुसार, मृतक लाभार्थी के वैध उत्तराधिकारियों को लाभ दिया जाएगा, यदि वे योजना की गाइड लाइन के अनुसार पात्रता श्रेणी में आते हैं। लेकिन इसके लिए उन्हें ऑनलाइन आवेदन करना होगा। विभाग का लक्ष्य पीएम-किसान के अंतर्गत देश के प्रत्येक पात्र किसान परिवार को पंजीकृत करते हुए 100 प्रतिशत लाभ देना है।
गौरतलब है कि इस योजना के तहत 11वीं किस्त जारी की जा चुकी है। 31 मई 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 करोड़ किसानों को योजना के तहत 21 हजार करोड़ से अधिक की राशि ट्रांसफर की थी।