केरल के नागरिक आपूर्ति विभाग ने स्मार्ट राशन कार्ड की छपाई में तकनीकी मुद्दों पर उपभोक्ताओं को बुलाने से अधिकारियों को प्रतिबंधित कर दिया है। दरअसल, पीवीसी राशन कार्ड और ई-राशन कार्ड तैयार करते समय अधिकारी कार्डधारकों को ‘प्रिंट पासवर्ड’ पाने के लिए गड़बड़ियों का सामना करने के बाद कार्यालय में बुलाते थे। विभाग ने इसी को देखते हुए यह कार्रवाई की है।

अगर कोई कार्डधारक रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर प्रिंट पासवर्ड हासिल करने में फेल हो जाता है, तो उसे वह किसी दूसरे फोन नंबर या ई-मेल पते पर भेजा जाना चाहिए। दस्तावेजों की प्रामाणिकता पर किसी भी संदेह के मामले में अधिकारियों को राशन कार्ड प्रबंधन प्रणाली में दस्तावेजों की ऑनलाइन जांच करनी चाहिए और पासवर्ड जारी करना चाहिए।

विभाग ने तालुक आपूर्ति अधिकारियों (टीएसओ) और शहर के राशन अधिकारियों को प्रिंट पासवर्ड प्राप्त करने में विफल रहने पर किसी को भी कार्यालय में नहीं बुलाने का सख्त निर्देश दिया है। पुराने राशन कार्ड को पीवीसी, प्लास्टिक या लैमिनेटेड ई-कार्ड फॉर्म में बदलने के लिए टीएसओ या सिटी स्टेशनिंग अधिकारी की अनुमति अनिवार्य नहीं है। अगर कार्डधारक को कोई सुधार करना है, तो उन्हें अधिकारियों को एक आवेदन जमा करना होगा।

कार्डधारक अक्षय केंद्रों से एटीएम कार्ड के रूप में पीवीसी और प्लास्टिक राशन कार्ड का प्रिंट ले सकते हैं। हालांकि, इन कार्डों की मोटाई 0.76 मिमी होनी चाहिए। आकार 85.6 X 53.98 मिमी होना चाहिए। पर कुछ अक्षय केंद्रों में कार्ड छापने के उपकरण उपलब्ध नहीं हैं।

अगर कोई अक्षय केंद्र ई-राशन कार्ड की छपाई के लिए अधिक कीमत वसूलता है, तो उसे सेवाओं से बाहर रखा जाएगा। पीवीसी और प्लास्टिक राशन कार्ड की छपाई के लिए 65 रुपये का शुल्क लिया जाएगा। ई-कार्ड की छपाई और लैमिनेटिंग के लिए 25 रुपये का शुल्क लिया जाना चाहिए। लोग अन्य कंप्यूटर केंद्रों से भी स्मार्ट कार्ड का प्रिंट ले सकते हैं।

बता दें कि नए राशन कार्ड्स एटीएम कार्ड सरीखे होते हैं। ये पीवीसी यानी पॉलीविनाइल क्लोराइड के होते हैं। इन कार्ड्स पर क्यूआर कोड और बारकोड आदि भी होते हैं। इन्हें कई लोग स्मार्ट राशन कार्ड्स भी कहते हैं।