मध्य प्रदेश में कमजोर वर्ग की बेटियों की शादी के लिए राज्य सरकार आर्थिक सहायता मुहैया कराती है। मदद के तौर पर लाभार्थी को कुल 51 हजार रुपए दिए जाते हैं। मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना का मकसद गरीब, जरूरतमंद, निराश्रित/निर्धन परिवारों की निर्धन और श्रमिक संवर्ग की योजनाओं के अंतर्गत रजिस्टर्ड हितग्राहियों के परिवार की विवाह योग्य कन्या/ विधवा/ परित्यक्तता के विवाह/निकाह के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराना है। आइए जानते हैं कि कौन कैसे इस योजना का लाभ पा सकता है:
योजना के लिए कौन है पात्र?: कन्या/कन्या के अभिभावक मध्य प्रदेश के मूल निवासी होने चाहिए। साथ ही कन्या के लिए 18 साल और पुरुष के लिए 21वर्ष की आयु पूर्ण हो जानी चाहिए। बेटी का नाम विवाह पोर्टल पर पंजीकृत होना चाहिए। विधवा, कानूनी रूप से तलाकशुदा और आर्थिक रूप से कमजोर निराश्रित महिला जो फिर से शादी करना चाहती है, वे भी इसके लिए योग्य हैं।
यह मिलता है फायदा: कन्याओं की गृहस्थी की स्थापना के लिए 48,000 रुपए कन्या के खाते में जमा करा दिए जाते है। सामूहिक विवाह/ निकाह कार्यक्रम आयोजित करने वाले निकाय यथा नगरीय निकाय, जनपद पंचायत को विवाह/निकाह आयोजन की प्रतिपूर्ति के लिए तीन हजार रुपए यानी कुल 51 हजार दिए जाने का प्रावधान है।
एक नजर में जान लें प्रक्रियाः निर्धारित आवेदन पत्र में आवेदन ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायत/ जनपद पंचायत, शहरी क्षेत्र में नगर निगम/ नगर पालिका/ नगर परिषद के कार्यालय में आवश्ययक अभिलेखों के साथ जमा कराना होता है। म.प्र सरकार के सामाजिक न्याय और निःशक्तजन कल्याण विभाग की आधिकारिक वेबसाइट (socialjustice.mp.gov.in) पर जाकर आप इस योजना से जुड़ा फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं। वेबसाइट पर आपको इसके अलावा योजना से जुड़ी अन्य जरूरी जानकारियां भी मिल जाएंगी। अगर आपकी इस संबंध में अधिक जानकारी चाहते/चाहती हैं, तब 0755-2556916 फोन नंबर पर कॉल कर और dpswbpl@nic.in मेल पर ई-मेल लिख सकते हैं।
कन्या विवाह/ निकाह योजना के अलावा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) शासित मध्य प्रदेश में कुछ और योजनाएं भी हैं जो महिलाओं और बेटियों के सशक्तिकरण, सुरक्षा और उन्हें आगे लाने के लिए काम कर रही हैं। इनमें लाडली लक्ष्मी योजना, लाडो अभियान, स्वागतम लक्ष्मी योजना, शौर्या दल
उदिता योजना, लालिमा योजना, उषा किरण योजना और वन स्टॉप सेंटर शामिल हैं।