Indian Railways, IRCTC: भारत में कोरोना वायरस संक्रमण का प्रसार अभी रुका नहीं है। हालांकि तीसरे दिन लगातार 15 हजार से कम कोरोना के मामले दर्ज किए गए हैं। रेलवे ने भी हाल में कुछ अमह फैसले लिए हैं जिनका सीधा असर रेल सफर के दौरान यात्रियों पर हो रहा है।

बीते साल मार्च के दौरान रेलवे के इतिहास में लॉकडाउन के चलते सभी पैसेंजर ट्रेनों को रद्द कर दिया गया था। इसके बाद स्पेशल ट्रेनें और श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया गया। हालांकि ट्रेनों में मिलने वाली कुछ सर्विस को भी बंद कर दिया गया था।

रेलने ने फैसला लिया है कि ई-केटरिंग सर्विस फरवरी से फिर से शुरू की जाएंगी। रेल मंत्रालय द्वारा इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) को मंजूरी दे दी गई है। बीते कुछ समय में रेलवे से मांग की जा रही थी कि कोरोना के हालात सुधर रहे हैं ऐसे में ई-केटरिंग सर्विस को भी फिर से शुरू किया जाए।

रेलवे वे एप आधारित ‘बैग्स ऑन व्हील्स’ सेवा शुरू कर रही है। रेलवे की इस नई व्यवस्था के तहत अब यात्रियों को अपना सामान ढोने की टेंशन से मुक्ति मिल जाएगी। रेलवे यात्रियों के घर से उनका सामान पिकअप कर स्टेशन तक पहुंचाएगी। हालांकि यह सर्विस अभी शुरुआती दौर में है लेकिन रेलवे की प्लानिंग है कि इसे देशभर में लागू किया जाए।

रेलवे ने कोरोना काल के चलते लॉकडाउन के दौरान बिकी टिकटों पर भी अहम फैसला लिया। रेलवे ने टिकट रद्द कराने पर रिफंड पाने की टाइमिंग में बदलाव किया है। अब 6 महीने नहीं बल्कि 9 महीने तक रद्द टिकटों का रिफंड पा सकते हैं।

यानी कि बीते 21 मार्च, 2020 से 31 जुलाई, 2020 के बीच के लिए पीआरएस काउंटर टिकटों को रद्द कराने और किसी भी काउंटर से रिफंड की स्थिति में यह शर्त लागू है। हालांकि रेलवे बोर्ड ने अभी सभी पैसेंजर ट्रेन, लोकल ट्रेन और यात्री स्पेशल ट्रेन चालू करने पर कोई फैसला नहीं लिया है। हालांकि इसपर भी जल्द फैसला संभव हो सकता है।