Indian Railways, IRCTC, Railway Land Development Authority: भारतीय रेलवे में टेक्नॉलजी और निजीकरण पर खासा ध्यान दिया जा रहा है। मोदी सरकार बड़े स्तर पर प्राइवेट ट्रेनों का संचालन करने जा रही है। इसी कड़ी में अब रेलवे भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के रीडेवलपमेंट के लिए निजी डेवलपर्स से विश्व स्तरीय रेलवे स्टेशन बनाने के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं। इस परियोजना के पहले चरण में लगभग 110 एकड़ भूमि पर रीडेवलपमेंट किया जाएगा।
प्रारंभिक बोली के आधार पर, परियोजना में केंद्रीय दिल्ली के कनॉट प्लेस (सीपी) के पास एक क्षेत्र में रिटेल, ऑफिस, और हॉस्पिटेलिटी डेवलेपमेंट विकास का मिश्रण शामिल होगा। 6,500 करोड़ रुपये की इस परियोजना के परिणामस्वरूप 230,000 वर्ग मीटर (वर्ग मीटर) क्षेत्र का कमर्शियलाइजेशन होगा।
इसके जरिए लोगों को जाम से भी बड़ी राहत मिलने जा रही है। परियोजना के तहत सीपी में ट्रैफिक जाम से मुक्ति के लिए एक फ्लाईओवर का निर्माण किया जाएगा। एक स्टेडियम का रिडेवलेपमेंट और स्टेशन के पास तीन रेलवे कॉलोनियों का पुनर्निर्माण होगा। अजमेरी गेट की तरफ 40 फ्लोर की बिल्डिंग बनाई जाएगी। इसे 4 से 5 साल में पूरा करने का टारगेट तय किया गया है।
रेलवे बिहार के पांच अति-आधुनिक स्टेशनों को भी रिडेवलपमेंट करने की तैयारी में है। पूर्व मध्य रेलवे क्षेत्र के अंतर्गत बिहार राज्य में कुल पांच रेलवे स्टेशनों के रिडेवलपमेंट के लिए आरएलडीए मिशन मोड पर काम कर रही है। स्टेशनों को पीपीपी मॉडल के तहत वाणिज्यिक हब के रूप में पुनर्विकसित किया जाएगा।
ये स्टेशन राजेंद्र नगर टर्मिनल, गया, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय और सिंगरौली हैं। आरएलडीए द्वारा साझा किए गए विवरण के अनुसार, ये रेलवे स्टेशन अत्याधुनिक सुविधाओं जैसे रेस्तरां, फूड प्लाजा, पार्किंग जोन के साथ स्टेशन प्लेटफार्मों, कैफेटेरिया, इंटरनेट, शॉपिंग क्षेत्रों के साथ-साथ चिकित्सा आपातकालीन बूथ के साथ सुसज्जित होंगे।
बता दें कि इंडियन रेलवे जल्द ही 151 नई प्राइवेट ट्रेनों को पटरी पर दौड़ाने की तैयारी में है। इस प्रोजेक्ट के लिए रेलवे ने प्राइवेट कंपनियों से पार्टनरशिप के लिए आवेदन मंगाए हैं। रेलवे के मुताबिक इस प्रोजेक्ट में प्राइवेट कंपनियों का लगभग 30,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा।
पैसेंजर ट्रेनों के प्राइवेटाइजेशन की दिशा में रेलवे का यह बड़ा कदम है। रेलवे के मुताबिक हर ट्रेन कम से कम 16 डिब्बे की होगी। 109 जोड़ी रूटों पर इनका संचालन किया जाएगा। इन ट्रेनों की अधिकतम स्पीड 160 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी। इन ट्रेनों के संचालन के लिए पूरे देश के रेल नेटवर्क को 12 क्लस्टर में बांटा गया है।

