भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने एक बड़ा फैसला लिया है। रेलवे के इस फैसले से ट्रेनों में अब दिव्यांग व्यक्तियों और उनके परिचारकों को सफ़र करने में आसानी होगी। दिव्यांग लोगों के लिए आरामदायक यात्रा सुनिश्चित करने के लिए रेलवे ने मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों (mail and express trains) में उनके और उनके परिचारकों के लिए बर्थ निर्धारित (लोअर बर्थ) की हैं। अकेले या छोटे बच्चों के साथ सफर करने वाले बुजुर्गों और महिलाओं के लिए यह सुविधा पहले से ही मौजूद है।

31 मार्च को जारी अपने जोन के आदेश में रेलवे बोर्ड (Railway Board) ने कहा है कि स्लीपर क्लास में चार बर्थ (दो लोअर और दो मिडिल), एसी 3 में दो बर्थ (एक लोअर और एक मिडिल), 3E क्लास में दो बर्थ (एक निचला और एक मध्य) दिव्यांग लोगों और उनके परिचारकों के लिए आरक्षित होगा।

गरीब रथ ट्रेनों (Garib Rath trains) में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए दो निचली बर्थ और दो ऊपरी बर्थ आरक्षित करने का प्रावधान पहले से ही किया गया है। हालांकि इस सुविधा के लिए उन्हें पूरा किराया देना होगा। इसके अलावा एसी चेयर कार ट्रेनों में दो सीटें ‘दिव्यांग’ व्यक्तियों के लिए आरक्षित होंगी।

रेलवे दिव्यांग व्यक्तियों की चार श्रेणियों के लिए किराए में रियायत प्रदान करता है। दिव्यांग/पैराप्लेजिक व्यक्ति और मानसिक रूप से मंद व्यक्ति जो बिना एस्कॉर्ट के यात्रा नहीं कर सकते, पूरी तरह से अंधे व्यक्ति और पूरी तरह से मूक-बधिर अकेले या एक एस्कॉर्ट के साथ यात्रा कर रहे हैं, उन्हें रेलवे रियायत प्रदान कर सकता है।

वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक और वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। राजस्थान को पीएम मोदी ने पहली वंदे भारत ट्रेन की सौगात दी। पीएम मोदी ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए राजस्थान की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी जुड़े। बता दें कि पहली ट्रेन जयपुर से दिल्ली कैंट रेलवे स्टेशन के बीच चलेगी। हालांकि इसकी नियमित सेवा 13 अप्रैल से शुरू होगी। इसके पहले तेलंगाना में पीएम मोदी ने वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी।