Indian Railway ने भुवनेश्वर-नई दिल्ली के बीच नई डिजाइन वाली Rajdhani Express चलाई है। गुरुवार को केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन पर इस गाड़ी को हरी झंडी दिखाते हुए शुरू किया। नई ट्रेन के कोचों में पारंपरिक कला (ओडिशा के) नजर आएगी, जो गाड़ी के बाहरी हिस्से में बनाई गई है। यह न सिर्फ ट्रेन की खूबसूरती बढ़ाती है, बल्कि ओडिशा की विरासत और संस्कृति का बखूबी परिचय देती है।

जानकारी के मुताबिक, ट्रेन में कांच की खिड़कियों के बीच में अलग-अलग डिजाइन्स को दिया गया है। यही नहीं, ट्रेन के कोच के ऊपरी और निचली ओर दो-दो पट्टियां भी दी गई हैं, जिनमें कुछ आकृतियां दर्शाई गई हैं। इन्हें ‘पट्टचित्र’ भी कहा जाता है, जो स्थानीय परंपरा को बयां करते हैं।

इस प्रोजेक्ट का प्रायोजक National Aluminium Company (NALCO) है, जिसने हाल ही में East Coast Railway (ECoR) के साथ एक Memorandum of Understanding पर हस्ताक्षर किए हैं। केंद्रीय मंत्री ने इस ट्रेन के अलावा उस पहल को भी लॉन्च किया, जिसके तहत यात्री अनारक्षित टिकटें ओडिशा के 317 रेलवे स्टेशनों से खरीद सकते हैं। खास बात है कि इन स्टेशंस पर यात्रियों को लेन-देन के दौरान ओडिया भाषा के अलावा हिंदी और अंग्रेजी भाषा का भी विकल्प मिलेगा।

यह कदम यात्रियों की सहूलियत के लिहाज से उठाया गया है, ताकि वे हिंदी और अंग्रेजी में भी रेलवे स्टेशनों/जगहों के नाम और ट्रेन का प्रकार आसानी से समझ सकें। भारतीय रेल ने इसके लिए कोलकाता में CRIS से मदद ली है, जिसके जरिए उसने ओडिया लैंग्वेज स्क्रिप्ट में लगभग आठ हजार स्टेशनों का डेटाबेस तैयार कराया है।

रेलयात्रियों को सूबे में यह सुविधा East Coast Railway, South Eastern Railway व South East Central Railways के तहत आने वाले सभी स्टेशंस पर मिलेगी। बता दें कि यह पहल नरेंद्र मोदी की महात्वाकांक्षी Digital India अभियान का ही हिस्सा है, जिसके तहत रेलवे स्थानीय क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देगा।