रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 20 जुलाई को लोकसभा में साफ कर दिया कि वरिष्ठ नागरिकों (60 साल से अधिक उम्र वाले) और खिलाड़ियों को कोरोना-काल से पहले किराये में मिलने वाली छूट बहाल करने का सरकार का इरादा नहीं है। उनका कहना है कि रेलवे को घाटा हो रहा है। ऐसे में छूट बहाल करने से घाटा और बढ़ेगा। इससे रेलवे की आर्थिक सेहत खराब होगी।
4800 करोड़ की छूट दी और 9000 करोड़ रुपए वसूले
सरकार के मुताबिक वरिष्ठ नागरिकों को रेल किराये में 2017-18 में 1491 करोड़, 2018-19 में 1636 करोड़ और 2019-20 में 1667 करोड़ रुपए की छूट दी गई थी। यानी तीन साल में कुल 4794 करोड़। इन्हीं तीन सालों में रेलवे ने एक तरह से अतिरिक्त 9000 करोड़ रुपए की कमाई की। सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत सार्वजनिक हुई एक जानकारी के मुताबिक रेलवे ने 1 जनवरी, 2017 से 31 जनवरी, 2020 के दौरान टिकट कैंसल करके और वेटिंग लिस्ट के यात्रियों को सफर करा कर 9019 करोड़ रुपए की कमाई की।
कितना है टिकट रद कराने का चार्ज?
बता दें कि नवंबर 2015 में सरकार ने ट्रेन टिकट कैंसल कराने पर लगने वाला चार्ज डबल कर दिया था। ट्रेन रवाना होने से 48 घंटे पहले टिकट कैंसल करने पर 60 रुपए (सेकंड क्लास), 120 रुपए (स्लीपर), 180 रुपए (थर्ड एसी), 200 रुपए (सेकंड एसी) और 240 रुपए (फर्स्ट एसी) कट जाते हैं।
रेल मंत्री ने क्या दी दलील?
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि कई कैटेगरी में किराए पहले से ही बहुत कम थे और विभिन्न कैटेगरी के यात्रियों को कम किराए और छूट देने के कारण रेलवे को बार-बार नुकसान हुआ है। ऐसे में भारतीय रेलवे वरिष्ठ नागरिकों (Senior Citizens) और खिलाड़ियों को किराए में छूट की सुविधा बहाल नहीं कर सकता।
कोविड महामारी के बाद सीनियर सिटीजन, छात्रों और खिलाड़ियों को किराए में रियायत की सुविधा रद्द करने के सवाल के जवाब में रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे कम किराया संरचना के कारण वरिष्ठ नागरिकों सहित सभी यात्रियों के लिए यात्रा की औसत लागत का 50% से अधिक रेलवे वैसे ही वहन कर रहा है। कोविड-19 महामारी के कारण पिछले दो वर्षों में यात्रियों से कमाई 2019- 2020 की तुलना में कम है, जिस कारण रेलवे को आर्थिक नुकसान हुआ है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि किराए में छूट देने की लागत रेलवे पर भारी पड़ती है, इसलिए सीनियर सिटीजन समेत अन्य कैटेगरी के यात्रियों के लिए रियायतों देना संभव नहीं है।
इन लोगों को मिलती है किराए में छूट
वहीं 2019-20, 2020-21 और 2021-22 के दौरान रिजर्व कैटेगरी में यात्रा करने वाले वरिष्ठ नागरिक यात्रियों की संख्या क्रमशः 6.18 करोड़, 1.90 करोड़ और 5.55 करोड़ थी। 2020-21 और 2021-22 के दौरान वरिष्ठ नागरिक यात्रियों की संख्या में गिरावट कोविड-19 महामारी को देखते हुए हो सकती है।
रेल मंत्री ने यह भी बताया कि 2019-20 के दौरान, लगभग 22.6 लाख सीनियर सिटीजन यात्रियों ने रेलवे के सतत विकास के लिए यात्री किराए में रियायत को छोड़ने का विकल्प चुना था।