भारतीय रेलवे की ओर से कई सुविधाएं लोगों को IRCTC वेबसाइट और ऐप के माध्‍यम से दी जाती है, जिसकी सहायता से यात्री आसानी से टिकट बुकिंग को लेकर छूट और रिफंड के लिए क्‍लेम कर सकते हैं। वहीं अगर तत्‍काल में सफर करना हो तो भी IRCTC की वेबसाइट और ऐप की मदद से तत्‍काल टिकट बुकिंग किया जा सकता है, लेकिन अगर आपने टिकट बुक करने के बाद भी सफर नहीं किया है, तो आपको रिफंड लेने के लिए TDR फाइल करना होता है।

क्‍या होता है TDR?

टीडीआर का मतलब ‘टिकट डिपॉजिट रिसिप्‍ट’ है, जो इंडियन रेलव या आईआरसीटीसी (Indian Railway IRCTC) से बुकिंग किए गए टिकट पर रिफंड क्‍लेम करने का प्रॉसेस है। रिफंड की प्रक्रिया में 60 दिन या उससे अधिक का समय भी लग सकता है और रेलवे के नियमों के अनुसार, टिकट रिफंड क्‍लेम के लिए टीडीआर फाइल किया जा सकता है।

TDR फाइल करने का प्रॉसेस

  • सबसे पहले अपने IRCTC खाते में लॉग इन करें और बुक टिकट हिस्‍ट्री पर क्लिक करें।
  • अब PNR चुनें, जिसके लिए टीडीआर फाइल किया जाना है और “फाइल टीडीआर” बटन पर क्लिक करें।
  • TDR रिफंड का दावा करने के लिए टिकट विवरण से यात्री का नाम चुनें।
  • अब सूची बॉक्स का चयन करें या यदि आप अन्य का चयन करते हैं तो कारण लिखें और सबमिट बटन पर क्लिक करें।
  • वहीं अगर चयनित विकल्‍प “अन्य” है तो नया टेक्स्ट बॉक्स खुल जाएगा।
  • ग्राहक कारण का विवरण भर सकता है और फिर सबमिट बटन पर क्लिक कर सकता है।
  • TDR फाइल करने को पूरा करने के लिए कन्फर्मेशन दिखाया जाएगा।
  • अगर विवरण की पुष्टि हो जाती है तो अलर्ट विंडो में “ओके” पर क्लिक करें।
  • सफलता पूर्वक टीडीआर होने के बाद, टीडीआर एंट्री कन्फर्मेशन पेज पर पीएनआर नंबर, ट्रांजेक्शन आईडी, रेफरेंस नंबर, टीडीआर स्टेटस, कारण दिखाई देगा।

टीडीआर रिफंड के तहत कितना प्रतिशत मिलता है रिफंड?

यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपने टीडीआर के लिए किस कारण से फाइल की है। अगर आपने 3 घंटे से अधिक देरी से ट्रेन और यात्री ने यात्रा नहीं करने पर टीडीआर दायर किया तो लगभग 45 दिनों में आरक्षण लागत का पूरा रिफंड दिया जाएगा। वहीं अगर किसी यात्री ने वेटिंग लिस्‍ट और आरएसी टिकट पर यात्रा नहीं किया है तो रिफंड पर पूरा पैसा मिलेगा। वहीं एसी काम न करने की स्थिति में भी टीडीआर फाइल किया जा सकता है। हालाकि इस कारण पर टीडीआर कई बार रिजेक्‍ट भी हो जाता है।