बजट 2021 में यह घोषणा की गई थी कि कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) और स्वैच्छिक भविष्य निधि (VPF) पर एक वित्तीय वर्ष में 2.5 लाख रुपये से ज्यादा के योगदान पर टैक्स कटेगा। इसके बाद केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 31 अगस्त, 2021 को अतिरिक्त ईपीएफ योगदान पर ब्याज के संबंध में नियमों को अधिसूचित किया।
अधिसूचना के अनुसार, कर योग्य ब्याज की गणना के उद्देश्य से ईपीएफ खाते के भीतर एक और खाता खुलेगा। अधिसूचना के मुताबिक, फाइनेंशियल ईयर 2021-2022 और उसके बाद के वर्षों के लिए ईपीएफ खाते के भीतर एक और खाता खुलेगा। यह नया नियम 1 अप्रैल 2022 से प्रभावी होगा।
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अगले साल के इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग में भी आपको यह जानकारी देनी होगी कि आपके पीएफ अकाउंट में 2.5 लाख रुपये से ज्यादा जमा है। यानी कि ईपीएफ में 31 मार्च, 2021 तक किसी व्यक्ति द्वारा किया गया कोई भी योगदान कर योग्य नहीं होगा।
सरकार का कहना है कि यह नई व्यवस्था ईपीएफ खाते के ब्याज की गणना में स्पष्टता लाने के लिए किया गया है। ईपीएफ के तहत कर्मचारियों को अपनी वेतन से कम से कम 12 फीसदी वेतन जमा करनी होती है। नियोक्ता भी कर्मचारी के ईपीएफ में इतनी ही रकम डालता है।
इसके जरिए पैसे जमा कर लोग अपना भविष्य सुरक्षित करते हैं। इस खाते पर कंपनी की ओर से भी कंट्रीब्यूशन किया जाता है तो वहीं सरकार भी ब्याज देती है। 20 से ज्यादा कर्मचारियों वाले कंपनियों को इसे 15 हजार से कम की बेसिक सैलरी मासिक वाले अपने कर्मी को ऑफर करना अनिवार्य है।