राज्‍य कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। कर्नाटक सरकार ने राज्य में सरकारी कर्मचारियों के वेतनमान को संशोधित करने के लिए सातवें वेतन आयोग के गठन की घोषणा की है। यह इस साल अक्टूबर में लागू होगा। इसके अलावा, राज्य सरकार ने रसू के संरक्षण के लिए पुण्यकोटि नामक एक योजना की शुरुआत की है।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने पहले राज्य स्तरीय राज्य सरकार कर्मचारी दिवस और राज्य स्तरीय ‘सर्वोत्तम सेवा’ पुरस्कार समारोह में बोलते हुए कहा कि ‘A’ और ‘B’ श्रेणियों के कर्मचारी ‘पुण्यकोटि दत्तू योजना’ के तहत गायों को गोद लेंगे। पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, 11,000 रुपए की वार्षिक फीस का भुगतान करके सरकार की एक मवेशी गोद लेने की योजना शुरू की है।

पुण्य कोटि योजना के तहत मुख्यमंत्री ने कहा कि अलग-अलग गोशालाओं में गोद लेने के लिए 1 लाख से अधिक गायें हैं। उन्होंने कहा, प्रत्येक जिले में एक गोशाला बनाने के लिए 50 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं, लेकिन लोगों की भागीदारी महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री ने एक वर्ष के लिए गाय को गोद लेने के लिए निर्धारित राशि के रूप में 11,000 रुपए की घोषणा की।

उन्होंने आगे कहा कि “विकास कार्य, प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसलें, जीवन की हानि, संपत्ति के नुकसान के मुआवजे के लिए सभी की एक अच्छी अर्थव्यवस्था होनी चाहिए। ऐसे में लोगों के लिए काम करके सरकार की ईमानदारी साबित होनी चाहिए।” उन्होंने यह भी घोषणा की कि सरकारी कर्मचारियों को ‘आरोग्य संजीवनी’ योजना के तहत कवर करने के लिए एक सरकारी आदेश जारी किया गया है।

निजी क्षेत्र और सरकारी क्षेत्र के कर्मचारियों के बीच अंतर बताते हुए सीएम ने कहा कि यह है कि निजी क्षेत्र के कर्मचारियों की जिम्मेदारी और समय सीमा होती है जबकि सरकारी क्षेत्र के कर्मचारियों की जिम्मेदारी और अधिकार होता है। महामारी के कारण आने वाली चुनौतियों के बारे में बात करते हुए सीएम ने कहा कि दुनिया के सबसे मजबूत देश भी कोविड के कारण कठिनाइयों का सामना किया है।