श्रम और रोजगार मंत्रालय बुधवार को एक आंकड़ा जारी किया, जिसके अनुसार कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन यानी कि ईपीएफओ ने मई माह के दौरान करीब 17 लाख सब्‍सक्राइबर जोड़े हैं। लेकिन फिर भी अप्रैल महीने की तुलना में यह आंकड़ा 2 प्रतिशत से कम है। जहां मई 2022 में शुद्ध ग्राहकों की संख्‍या में 16.82 लाख का इजाफा हुआ है, वहीं अप्रैल 2022 में ईपीएफओ ने 17.08 लाख नेट सब्सक्राइबर जुड़े थे।

पेरोल डेटा की साल-दर-साल तुलना के अनुसार, मई 2021 में कुल सदस्यता की तुलना में मई 2022 में 7.62 लाख लोगों को अधिक नौकरी मिली है। मई 2022 के दौरान करीब 9.60 लाख नए सदस्यों को पहली बार ईपीएफ और एमपी अधिनियम, 1952 के दायरे में शामिल किया गया है। वहीं करीब 7.21 लाख लोगों ने अपनी नौकरी बदलकर दूसरे संस्‍थान को चुना है।

22 से 25 साल के लोगों को मिली अधिक नौकरी

पेरोल डेटा के आयु आंकड़े पर नजर डालें तो पता चलता है कि 22-25 वर्ष के आयु वर्ग के लोगों को मई, 2022 के दौरान 4.33 लाख अतिरिक्त के साथ सबसे अधिक नौकरी मिली है। इससे पता चलता है कि बड़ी संख्‍या में पहली बार नौकरी चाहने वाले लोगों को नौकरी मिली है।

इन राज्‍यों में मिली अधिक नौकरी

राज्य-वार आंकड़ों की बात करें तो महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, हरियाणा, गुजरात और दिल्ली राज्यों में शामिल फर्मों ने महीने के दौरान करीब 11.34 लाख ग्राहकों को जोड़कर सबसे आगे हैं, जो कुल का 67.42 प्रतिशत है। वहीं लगभग 3.42 लाख महिलाओं को नौकरी दी गई है। यानी इसने मई, 2022 के दौरान 20.39% की बढ़ोतरी की है।

इन उद्योगो में मिली अधिक नौकरी

उद्योग-वार पेरोल डेटा के अनुसार, ‘व्यापारिक-वाणिज्यिक क्षेत्र’ महीने के दौरान कुल ग्राहक वृद्धि का 50.51% हैं। इसके अलावा अन्य उद्योगों जैसे ‘भवन एवं निर्माण उद्योग’, ‘वस्त्र निर्माण’, ‘वित्तीय प्रतिष्ठान’, ‘होटल’ और ‘लोहा एवं इस्पात’ में भी इस माह के दौरान वृद्धि देखी गई है।

बता दें कि ईपीएफओ का पेरोल उन संस्‍थान के संगठित क्षेत्र के कार्यबल का एक हिस्सा है, जो कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के प्रावधानों के तहत आते हैं। इसकी गणना ईपीएफओ के दायरे में आने वाले संस्‍थाओं की संख्या के संदर्भ में की जाती है।