केंद्र सरकार ने कहा है कि Comorbidities (विभिन्न गंभीर बीमारियों) वाले 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को कोविड-19 वैक्सीन की “एहतियाती खुराक” (‘Precautionary’ Dose) की पात्रता के लिए चिकित्सा प्रमाण पत्र अपलोड करने या देने की जरूरत नहीं है। यह फैसला मंगलवार (28 दिसंबर, 2021) को राज्यों के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव की बैठक के बाद लिया गया।
मीटिंग में यह निर्णय लिया गया कि 60 साल से अधिक आयु के लोग डॉक्टर से प्रमाण-पत्र के बिना “एहतियाती” खुराक का लाभ उठा सकते हैं। हालांकि, टीका लगवाने से पहले उन्हें अपने चिकित्सकों से परामर्श करना चाहिए।
सूबों को लिखे स्वास्थ्य सचिव राकेश भूषण के खत के मुताबिक, “को-मोर्बिडिटीज़ वाले 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी व्यक्तियों को कोरोना की एहतियाती खुराक के प्रशासन के समय डॉक्टर से कोई प्रमाण पत्र पेश करने की कोई जरूरत नहीं होगी। ऐसे व्यक्तियों से अपेक्षा की जाती है कि वे इसका लाभ उठाने का निर्णय लेने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह लें।”
चिट्ठी के मुताबिक, “एहतियाती खुराक के लिए उनकी पात्रता इस आधार पर है कि उन्होंने अपनी दूसरी खुराक कब ली। दूसरी खुराक के केवल नौ महीने बाद ही वे पात्र होंगे।”
दरअसल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने टीकाकरण को लेकर एक दिन पहले यानी सोमवार (28 दिसंबर, 2021) को नए दिशा-निर्देश जारी किए। इनके अनुसार तीन जनवरी से 15 से 18 साल के आयु वर्ग के किशोरों के लिए शुरू होने वाले टीकाकरण के लिए केवल कोवैक्सीन कोविड-19 रोधी टीके का विकल्प होगा।
दिशानिर्देशों में यह भी कहा गया कि स्वास्थ्य कर्मियों, अग्रिम मोर्चे के कर्मियों और हृदय रोग जैसी कुछ गंभीर बीमारियों से ग्रस्त 60 साल से अधिक उम्र के ऐसे नागरिकों को टीके की तीसरी खुराक देने का क्रम दूसरी खुराक लगाये जाने की तारीख से नौ महीने या 39 सप्ताह पूरे होने पर आधारित होगा। को-विन प्लेटफॉर्म पर मौजूदा खाते में पंजीकरण करके ही तीसरी या अतिरिक्त खुराक लगवाई जा सकेगी।