पिछड़ा और अल्पसंख्यक समुदाय कर्मचारी महासंघ (BAMCEF) ने बुधवार को भारत बंद की घोषणा की है। भारत बंद का ऐलान देश भर में जाति जनगणना की मांग को लेकर किया गया है। इसे लेकर पहले भी कई राज्यों की ओर से मांग उठ चुकी है, लेकिन अभी तक केंद्र सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया है।
इसके साथ ही कुछ अन्य मांगों को लेकर भी भारत बंद का ऐलान किया गया है। इसमें चुनाव में ईवीएम का उपयोग न करना, जाति जनगणना, निजी क्षेत्र में एससी, एसटी और ओबीसी को आरक्षण प्रदान करना, किसानों को एमएसपी की गारंटी देना और सीएए और एनआरसी को लागू न करने की मांग आदि शामिल हैं।
भारत बंद को लेकर BAMCEF के अध्यक्ष वामन मेश्राम ने कहा कि इस आंदोलन को राष्ट्रीय परिवर्तन मोर्चा, भारत मुक्ति मोर्चा, बहुजन मुक्ति मोर्चा और कई अन्य संगठनों ने समर्थन दिया है। वहीं इसके असर को लेकर कहा जा रहा है कि भारत में इस संगठन का बड़ा नाम नहीं है और कोई बड़ी पॉर्टी की ओर से भी इसे समर्थन देने का ऐलान नहीं किया गया है। ऐसे में भारत बंद का सफल होने पर संदेह है। फिर भी इस बंद से कई चीजों पर असर हो सकता है।
कौन सी सेवाएं होंगी प्रभावित
भारत बंद की वजह से कई राज्यों में परिवहन और बाजार की सेवाओं पर असर हो सकता है। उत्तर प्रदेश, बिहार, तमिलनाडु में दुकानों को बंद कराया जा सकता है। कहीं-कहीं प्रदर्शनकारी रेल को भी रोक सकते हैं। हालांकि इसका देशव्यापी असर नहीं पड़ने वाला है। भारत बंद कराने के लिए लोगों से सोशल मीडिया पर अपील की गई है कि वह अपनी दुकानें बंद रखेंगे।
पहले भी किए जा चुके हैं आंदोलन
गौरतलब है कि जाति जनगणना को लेकर बिहार समेत कई राज्यों में मांग उठ चुकी है। वहीं निजी क्षेत्रों में आरक्षण की मांग और किसानों की एमएसपी की गारंटी को लेकर पहले भी आंदोलन हुए हैं, जिसपर सरकार की सहमति और असहमति बनी है।