अगर आप भी पीएफ खाते का ब्याज दर नहीं देख पा रहे हैं तो इसके लिए परेशान होने की आवश्यकता नहीं हैं। वित्त मंत्रालय की ओर से अपडेट जारी किया गया है और इस समस्या के बारे में जानकारी दी गई है। वित्त मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के सब्सक्राइबर के लिए कोई नुकसान की बात नहीं है।
वित्त वर्ष 2022 के लिए ब्याज दर जमा करने में देरी पिछले साल लागू किए गए टैक्स चेंजेज के कारण एक सॉफ्टवेयर अपग्रेड के कारण हुई है। जून में सरकार ने 2021-22 के लिए ईपीएफ जमा पर 8.1 प्रतिशत की ब्याज दर को मंजूरी दी थी, जो पिछले वर्ष 8.5 प्रतिशत थी। वित्त मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि इस समस्या का जल्द ही समाधान करके खाते में रकम भेजी जाएगी।
वित्त मंत्रालय के लेटेस्ट ट्वीट के अनुसार, किसी भी पीएफ खाताधारकों को ब्याज का नुकसान नहीं होगा। इसके खाते में जल्द ही रकम ट्रांसफर किया जा रहा है। आपके खाते में ब्याज का पैसा सॉफ्टवेयर अपग्रेड के कारण नहीं दिख रहा है। हालांकि आउटगोइंग सब्सक्राइबर जो सेटलमेंट चाहते हैं और जो पीएफ की रकम का क्लेम कर रहे हैं, उनका पूरा पैसा ब्याज के साथ खाते में ट्रांसफर किया जा रहा है।
अगर नियोक्ता ईपीएफ योगदान नहीं देता है तो क्या होगा
अगर नियोक्ता की ओर से वित्तीय वर्ष के दौरान योगदान नहीं दिया जाता है तो उस समय के दौरान जमा किए गए राशि पर ब्याज नहीं मिलेगा, लेकिन शेष राशि पर ब्याज दिया जाएगा। वहीं अगर कोई नियोक्ता अप्रैल 2020 के लिए ईपीएफ योगदान की देरी से जमा करता है, तो फिर भी कर्मचारी को 1 जून, 2020 से ब्याज मिलेगा।
ईपीएफओ वेबसाइट पर चेक कर सकते हैं बैलेंस
अगर आप अपने खाते का पीएफ बैलेंस चेक करना चाहते हैं तो EPF पोर्टल के माध्यम से बैलेंस की जांच कर सकते हैं। बैलेंस की जांच करने के लिए कर्मचारी को “सदस्य पासबुक” विकल्प का चयन करना होगा। अब यूएएन और पासवर्ड प्रदान करना होगा, जिसके बाद पासबुक ओपेन हो जाएगा। इसमें आपको उद्घाटन और समापन शेष, साथ ही कर्मचारी और नियोक्ता योगदान आदि की विस्तार से जानकारी होगी। ईपीएफ बैलेंस देखने के लिए पासबुक का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।