आधार कार्ड बनाने वाली संस्था UIDAI ने देश में नई पहल शुरू की है। जिसमें नवजात शिशु को जन्म के साथ ही अस्पताल में Aadhaar Enrolment देने की तैयारी है। इसके लिए UIDAI और अस्पतालों ने तैयारी भी शुरू कर दी है। जिसके जरिए UIDAI सभी देशवासियों का आधार कार्ड सुनिश्चित करना चाहती है। आपको बता दें अभी तक नवजात बच्चों का आधार तैयार नहीं किया जाता था। क्योंकि बच्चों के बायोमेट्रिक में उम्र के साथ काफी बदलाव आते हैं। लेकिन अब जन्म के साथ ही नवजात शिशु को Aadhaar Enrolment मिल जाएगा। आइए जानते हैं UIDAI की इस नई पहल के बारे में…

कैसे तैयार होगा नवजात शिशु का आधार – UIDAI के सीईओ सौरभ गर्ग ने बताया कि, जन्म के समय शिशुओं की फोटो क्लिक करके उन्हें आधार कार्ड प्रदान किया जाएगा। जिसको उनके माता-पिता में से किसी एक साथ लिंक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि, 5 साल के बच्चों का बायोमेट्रिक नहीं लिया जाता। लेकिन जब बच्चें पांच साल की उम्र पूरी कर लेगे तब उनका बायोमेट्रिक्स लिया जाएगा।

99.7 फीसदी वयस्क का बना आधार – UIDAI के सीईओ सौरभ गर्ग ने बताया कि, देश में 99.7 फीसदी वयस्क आबादी का आधार के तहत रजिस्टर्ड कर लिया गया है। जिसके बाद अब नवजात शिशुओं को रजिस्ट्रेशन करना हमारा लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि हर साल देश में 2 से 2.5 करोड़ बच्चे जन्म लेते हैं। हम उनको आधार में रजिस्टर करने का प्रोसेस शुरू करेंगे।

बच्चों के लिए भी जरूरी है आधार – बच्चों के लिए भी आधार कार्ड बेहद जरूरी डॉक्यूमेंट है। स्कूल में एडमिशन या किसी सरकारी योजना में उनके रजिस्ट्रेशन के लिए इसकी जरूरत होती है। 5 साल से कम आयु के बच्चों के लिए UIDAI ने बायोमेट्रिक डिटेल्स की अनिवार्यता हटा दी है। अब कोई भी पैरेंट्स इस आसान सी प्रक्रिया को अपनाकर अपने बच्चे का आधार कार्ड बनवा सकते हैं। आपको बता दें कि UIDAI ने बच्चों के आधार कार्ड को ‘बाल आधार कार्ड’ नाम दिया है और यह नीले रंग का होता है।

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बीते साल 30 लाख लोगों को मिला आधार – सौरभ गर्ग ने बताया कि, बीते साल ग्रामीण इलाकों में 10 हजार शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें करीब 30 लाख लोगों को आधार में रजिस्टर्ड किया गया। साथ ही उन्होंने कहा कि, देश की पूरी आबादी को आधार नंबर देने की कोशिश जारी है। वहीं उन्होंने बताया कि हर साल लगभग 10 करोड़ लोग आधार में अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर आदि अपडेट कराते हैं।