संसद की एक समिति ने पेंशनभोगियों की शिकायतों का निस्तारण 60 दिनों की निर्धारित समय सीमा में नहीं किये जाने पर चिंता व्यक्त की है और केंद्र से मुख्य शिकायतों वाले क्षेत्रों की पहचान करने तथा उनकी व्यवस्था को कारगर बनाने के लिए सामाजिक ऑडिट पैनल गठित करने को कहा है।

पिछले कुछ वर्षों में पुन: पंजीकृत शिकायतों की संख्या में भारी वृद्धि को देखते हुए, समिति ने एक जवाबदेही तंत्र स्थापित करने और उचित गुणात्मक कार्रवाई के बिना शिकायतों को सरसरी तौर पर निस्तारित करने के लिए संबंधित शिकायत निवारण अधिकारियों को जवाबदेह ठहराने की व्यवहार्यता का पता लगाने का सुझाव दिया।

इसने सरकार से पेंशनभोगी संघों की 65 वर्ष की आयु पर पांच प्रतिशत अतिरिक्त पेंशन, 70 वर्ष पर 10 प्रतिशत, 75 वर्ष पर 15 प्रतिशत और 80 वर्ष पर 20 प्रतिशत अतिरिक्त पेंशन की मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने के लिए भी कहा।

विभाग से संबंधित कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन संबंधी संसद की स्थायी समिति ने यह सिफारिशें ‘पेंशनभोगियों की शिकायतें-पेंशन अदालतों का प्रभाव और केंद्रीकृत पेंशनभोगी शिकायत निवारण एवं निगरानी प्रणाली (सीपीईएनजीआरएएमएस)’ शीर्षक की अपनी रिपोर्ट में किया है।

सीपीईएनजीआरएएमएस पेंशनभोगियों की पेंशन संबंधी शिकायतों के त्वरित निवारण और प्रभावी निगरानी के लिए एक केंद्रीकृत वेब-सक्षम पेंशन शिकायत निवारण एवं निगरानी प्रणाली है। पेंशनभोगी अपनी शिकायतें ऑनलाइन या पेंशनभोगी संघों के माध्यम से या डाक के माध्यम से भेज सकते हैं।

2020-21 के दौरान (26 जनवरी, 2021 तक) कुल 39,975 पेंशनभोगियों की शिकायतें प्राप्त हुईं और 35,409 का निवारण किया गया। रिपोर्ट में “प्रमुख मंत्रालयों / विभागों” के विवरण का उल्लेख किया गया है जहां निपटान के लिए 60 दिनों की समयसीमा का उल्लंघन हुआ।

केंद्र चालू करेगा ‘सुशासन सप्ताह’: केंद्र सरकार सुशासन सप्ताह के तहत विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में जन शिकायतों के निवारण और सेवा वितरण में सुधार के लिए सोमवार को एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू करेगा। कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय द्वारा 20-25 दिसंबर के दौरान मनाए जाने वाले सप्ताह के दौरान कार्यक्रमों की एक श्रृंखला की योजना बनाई गई है।

प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) ने कहा कि सुशासन प्रणालियों पर प्रदर्शनी के उद्घाटन के अलावा सोमवार को सार्वजनिक शिकायतों के निवारण और सेवा वितरण में सुधार के लिए ‘प्रशासन गांव की और’ नामक एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू होगा। कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह सोमवार को अभियान का उद्घाटन करेंगे।