आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने मंगलवार को राज्य सरकार को आदेश जारी किया कि वे कर्मचारियों और पेंशनर्स को बकाया जारी करें। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने कहा है कि वे इस बकाये का 12 फीसदी ब्याज दर के साथ भुग्तान करें। कोर्ट ने कहा है कि इस पूरी प्रक्रिया में 2 महीने से अतिरिक्त समय नहीं लगना चाहिए। इसके साथ ही कोर्ट ने 50 प्रतिशत वेतन कटौती के सरकार के फैस ले को भी रद्द कर दिया।
हाई कोर्ट ने यह आदेश विशाखापत्तनम के सेवानिवृत्त न्यायाधीश कामेश्वरी द्वारा दायर एक लेखक की याचिका पर सुनवाई के दौरान जारी किया। कोरोनावायरस महामारी को देखते हुए मार्च के बाद से ही कर्मचारियों के वेतन में 50 प्रतिशत वापस की कटौती की गई। हालांकि, आंध्र प्रदेश सरकार ने मई से पूर्ण वेतन बहाल का फैसला ले लिया था।
सबसे पहले तेलंगाना सरकार ने कोरोना के चलते सरकारी खजाने पर बढ़ते बोझ की वजह से वेतन कटौती पर इस तरह की व्यवस्था की घोषणा की थी। जिसके बाद तेलंगाना के नक्शे कदम पर चलते हुए महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश सहित कई राज्यों ने इसी मॉडल का अपनाया। हालांकि अलग-अलग राज्यों में वेतन कटौती की दर अलग-अलग थी।
दो दिन पहले, कर्मचारी संघों के नेताओं ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री को इस समस्या से अवगत कराया था, उन्होंने आश्वासन दिया था कि बकाये का जल्द ही भुगतान किया जाएगा। बावजूद इसके इस महीने (जुलाई), वेतन तीन दिनों की देर के साथ जमा किया गया और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को एक सप्ताह देर से पेंशन मिली थी।
इन कर्मियों की सैलरी में इजाफा: कोरोना संकट के बीच केरल के मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों के लिए बड़ी घोषणा की है। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने घोषणा की है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के कर्मचारियों का पारिश्रमिक इंसेंटिव और जोखिम भत्ता बढ़ाया जाएगा। सीएम ने कहा है कि यह फैसला अनुबंध और दैनिक आधार पर कार्यरत कर्मचारी दोनों पर ही लागू होगा।