उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे में बहुजन समाज पार्टी को मात्र एक सीट मिली है वहीं उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के कुंडा विधानसभा सीट से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक को 2 सीटें प्राप्त हुई हैं। इसको लेकर एक न्यूज़ चैनल के रिपोर्टर ने राजा भैया से सवाल किया था।

दरअसल, एक निजी चैनल के रिपोर्टर द्वारा राजा भैया से बसपा से बड़ी पार्टी होने के बाद जनसत्ता दल की आगे की क्या तैयारी है? इस सवाल पर मुस्कुराते हुए राजा भैया ने कहा कि कुंडा की जनता को इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। समर्थकों के साथ आपको भी धन्यवाद कहना चाहता हूं। इस फैक्ट को उजागर किया है।

अपनी पार्टी को लेकर राजा भैया ने कहा कि जिस तरह से हमारे दल का नाम है, उस तरह से ही हम जनता के लिए काम भी करेंगे। जानकारी के लिए बता दें कि विधानसभा में राजा भैया ने अपने संबोधन में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना से कहा कि बसपा, कांग्रेस और जनसत्ता दल के बहुत थोड़े से सदस्य इस सदन में मौजूद हैं। आपसे अनुरोध है कि हमारी तरफ भी ध्यान दीजिएगा। राजा भैया की इस बात पर विधानसभा में उपस्थित सभी विधायक ठहाके लगाकर हंसने लगे।

मायावती से यूं हुई थी दुश्मनी : बसपा प्रमुख मायावती की सरकार में राजा भैया के लिए अक्सर ही मुश्किलें खड़ी रहती थी। मायावती के मुख्यमंत्री रहते राजा भैया अलग-अलग समय पर लगभग 26 महीनों तक जेल में रहें थे। यहां तक राजा भैया के पिता उदय प्रताप सिंह को भी बीएसपी चीफ ने जेल भिजवाया था। मायावती और राजा भैया के बीच साल 2002 में खटास शुरू हुई, जब बीएसपी ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी।

मायावती के कारण अखिलेश यादव से दूर हुए हैं राजा भैया : समाजवादी पार्टी के बेहद करीब रहने वाले राजा भैया बसपा सुप्रीमो की वजह से ही अखिलेश यादव से दूर हो गए थे। दरअसल, 2019 में यूपी के राज्यसभा चुनाव के दौरान अखिलेश यादव चाहते थे कि सपा और बसपा के गठबंधन के चलते राजा भैया बसपा प्रत्याशी का समर्थन करें लेकिन राजा भैया ने ऐसा नहीं किया किया था। जिसके बाद से ही दोनों नेताओं के बीच दूरी बढ़ गई।