सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर हो रहा है, जिसमें एक लड़की के सवाल पर बिहार की एक आईएएस का जवाब है। वीडियो लड़कियों में जागरूकता फैलाने के लिए आयोजित एक वर्कशॉप का बताया जा रहा है। जानकारी के अनुसार, “सशक्त बेटी, समृद्ध बिहार: टुवर्ड्स एन्हान्सिंग द वैल्यू ऑफ गर्ल चाइल्ड” विषय पर हुई इस वर्कशॉप को महिला एवं बाल विकास निगम द्वारा यूनिसेफ, सेव द चिल्ड्रेन एवं प्लान इंटरनेशनल ने संयुक्त रूप से आयोजित किया था।
लड़की के सवाल पर अधिकारी का अजीब जवाब!
कार्यक्रम में शामिल एक लड़की ने सवाल पूछा- सरकार बहुत कुछ दे रही है, ड्रेस और शिक्षावृत्ति दे रही है तो क्या 20-30 रुपये का सेनेटरी पैड नहीं दे सकती है? लड़की के सवाल पर वहां मौजूद तमाम लोगों ने तालियां बजाईं। जवाब में महिला एव बाल विकास निगम की एमडी हरजोत कौर बम्हरा ने कहा- ये जो लोग तालियां बजा रहे हैं। इस मांग का कोई अंत है? 20-30 रूपये की सेनेटरी पैड भी दे सकते हैं। कल जींस पैंट भी दे सकते हैं। परसों सुंदर जूते क्यों नहीं दे सकते हैं? और अंत में जब परिवार नियोजन की बात आएगी तो निरोध भी मुफ्त में ही देना पड़ेगा, क्यों? मुफ्त में लेने की आदत क्यों हैं?
सवाल पर भड़क गईं आईएएस अधिकारी?
इस पर लड़की ने कहा कि जो सरकार को देना चाहिए हम उसकी बात कर रहे हैं। जवाब मेंअधिकारी कहती हैं कि सरकार से आखिर लेने की जरूरत ही क्या है? आपने आपको इतना सम्पन्न करो। सरकार उनके लिए छोड़ो, जिनके पास कुछ भी नहीं है। सरकार की बहुत सी योजनाएं हैं लेकिन ये सोच गलत है कि 20-30 रुपए सरकार नहीं दे सकती और बहुत सी योजनाएं लोगों तक पहुंच भी रही हैं।
इस पर लड़की ने कहा कि वोट मांगने तो बड़े अच्छे आते हैं। इस पर अधिकारी कहती हैं कि तुम मत दो वोट, सरकार तुम्हारी है। बेवकूफी की इंतेहा है। नहीं, नहीं मत दो वोट.. बन जाओ पाकिस्तान। इसके जवाब में बच्ची ने कहा कि मैं हिंदुस्तानी हूं तो पाकिस्तान क्यों जाऊं? हरजोत कौर बम्हरा ने यह भी कहा- वोट का क्या महत्व है, वोट तुम पैसे के लिए देती हो? सुविधाओं के एवज में देती हो?
रिपोर्ट्स के मुताबिक एक और लड़की ने जब स्कूल में टूटे टॉयलेट में लड़कों के भी घुस जाने की समस्या बताई तो अधिकारी ने कहा कि क्या तुम्हारे घर अलग-अलग टॉयलेट हैं? सोशल मीडिया पर इस बातचीत का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। हालांकि वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हरजोत कौर बम्हरा की कोई भी प्रतिक्रिया खबर लिखे जाने तक नहीं आई है। लेकिन, सोशल मीडिया पर लोग इसे लेकर काफी कुछ कह रहे हैं।
पत्रकार प्रभाकत मिश्र ने लिखा कि लोग कहते हैं पुरुषवादी सोच! इनकी तो ‘महिलावादी सोच’ कितनी ख़तरनाक है? राहुल सिंह ने लिखा कि गजब सोच है एमडी साहिबा की? और इनके भरोसे महिला एवं बाल विकास है?सही तो कह रही है ये।@rishv86 यूजर ने लिखा कि अगर हर छोटी मोटी रिक्वायरमेंट सरकारी प्रोवाइड करेगी तो आधी से ज्यादा जनता काम करना ही छोड़ देगी। क्या एक सरकारी अधिकारी को जो भी जस्टिफाइड लगता है बोलने का कोई हक नहीं है।