राजस्थान भाजपा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें मंच पर भाषण देने को लेकर दो भाजपा नेताओं के बीच बहस हो रही है। इतना ही नहीं, माइक तक छीना गया। यह सब तब हुआ जब मंच पर दो-दो केंद्रीय मंत्री बैठे हुए थे। कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत मौजूद थे।
मंच पर भाजपा नेताओं में भिड़ंत
वीडियो में दिखाई दे रहा है कि जैसे ही सभा को संबोधित करने के लिए शेरगढ़ के पूर्व विधायक बाबू सिंह राठौड़ माइक के पास पहुंचे, तभी बीजेपी नेता राणा प्रताप सिंह ने माइक छीन लिया। इसके साथ ही दो-तीन नेता और पहुंच गये और बाबू सिंह को बोलने से मना करने लगे। बाबू सिंह राठौर ने कहा कि मैं राजनाथ सिंह जी से पूछकर बोल रहा हूं। इसके बाद उन्हें बोलने नहीं दिया गया और माइक उखाड़ दिया गया।
सोशल मीडिया पर वायरल है वीडियो
इसके बाद मंच पर ही बैठे गजेंद्र सिंह शेखावत पहुंचे, उन्होंने माइक लेकर पोडियम पर लगाया और लोगों से शांति की अपील की। फिर बाबू सिंह राठौर से अपनी बात रखने के लिए कहा गया। सोशल मीडिया पर इस पूरे घटना का वीडियो वायरल हो रहा है जिसे भाजपा की गुटबाजी कहकर विरोधी हमले कर रहे हैं और तंज कस रहे हैं।
सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं
कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत ने लिखा, “राजस्थान भाजपा के पूर्व भाजपा विधायक क्या अशोक गहलोत जिंदाबाद बोल रहे थे जो उनका माइक छीन लिया! जोधपुर में केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और गजेंद्र सिंह शेखावत के सामने भाजपा की गुटबाज़ी चरम पर है।” राजस्थान कांग्रेस की तरफ से लिखा गया कि टुकड़ों में बंटी राजस्थान भाजपा की अंतर्कलह अब एक-दूसरे के कपड़े फाड़ने पर उतारू है।
राजस्थान यूथ कांग्रेस के ट्विटर अकाउंट से लिखा गया, “भाजपा की अंतर्कलह अब मंच तक आ चुकी है। राजस्थान में अपने खिलाफ बहती हवा के रुख से पूरी भाजपा निराशा में डूबी हुई है।” मयंक सक्सेना नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा, “राजस्थान में सब बदल चुका है, अब कांग्रेस एक संयुक्त परिवार है जबकि भाजपा कई गुटों में बंटी हुई है।” अरुणेश कुमार यादव नाम के यूजर ने लिखा कि राजस्थान बीजेपी में गृह युद्ध खुलकर जनता के सामने आ रहा है।
बता दें कि राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां तैयारी में जुटी हुई हैं। ऐसे में तमाम नेता लगातार राजस्थान का दौरा कर रहे हैं। राजनाथ सिंह 28 जून को बालेसर में एक जनसभा को संबोधित करने पहुंचे थे, जहां मंच पर नेताओं के बीच चल रही आपसी मनभेद दुनिया के सामने आ गई। विरोधी अब इसे मुद्दा बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।