समाजवादी पार्टी के मुखिया का उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) सपा का टि्वटर हैंडल चलाने वाले मनीष जगन अग्रवाल (Manish Jagan Agarwal) की गिरफ्तारी के विरोध में यूपी के पुलिस मुख्यालय पहुंचे थे। इसी मुद्दे पर रिपोर्टिंग करने पहुंचे ज़ी न्यूज के रिपोर्टर के साथ पुलिस ने बदसलूकी की। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो लोग यूपी पुलिस पर कटाक्ष करने लगे।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो

सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि रिपोर्टर को रिपोर्टिंग से रोकने के लिए पुलिस कैमरामैन के कैमरे पर हाथ लगा रही। जिसके कुछ देर बाद ही पुलिस रिपोर्टर के साथ भी बदसलूकी करने लगती है। जिस पर रिपोर्टर ने भड़कते हुए कहा कि हाथ कैसे लगाया? वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ पुलिस वाले रिपोर्टर को पीछे हटा रहे हैं लेकिन रिपोर्टर चिल्लाते हुए कह रहा है कि आपने हाथ कैसे लगाया?

वायरल वीडियो पर लोगों के रिएक्शन

पत्रकार रोहिणी सिंह ने कमेंट किया कि, “नोएडा मीडिया को ‘प्रोटोकॉल’ देने वाली उत्तरप्रदेश पुलिस को समझना होगा कि स्थानीय पत्रकार भी जनता की ही सेवा कर रहे हैं। आज हम इस युवा पत्रकार शुभम के साथ खड़े नहीं हुए तो कल कोई पत्रकार पुलिसिया बदतमीज़ी का जवाब देने का साहस नहीं जुटा सकेगा।” पत्रकार पवन सिंह ने रिपोर्टर के तारीफ़ में लिखा- शानदार शुभम यही उम्मीद थी। एक हद के बाद बर्दाश्त नहीं करना चाहिए। जॉइंट सीपी पीयूष मोर्डिया हैं ये, देखिए एक रिपोर्टर चुप-चाप अपनी रिपोर्टिंग कर रहा है तो दादागिरी कर रहे हैं। कैमरे पर हाथ मार रहे हैं धक्का दे रहे रहे हैं।अकेले मिल जाने पर गोली मार देंगे।

पत्रकार सूरज शुक्ला ने कमेंट किया कि IPS पीयूष मोर्डिया ने पत्रकार से बदसलूकी करने की पराकाष्ठा पार कर दी। अंदाज़ा लगाइए आम जनता से साहब का कैसा व्यवहार होगा। साहब ADG रैंक के हैं। पत्रकार से बदसलूकी की तो करारा जवाब मिलेगा। होमगार्ड्स को पकड़ने वाले IPS पीयूष मोर्डिया वर्दी की गर्मी में चूर हैं। पत्रकार पर रौब जमा रहे हैं। ये बर्दाश्त नहीं होगा, सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। पत्रकार संजय त्रिपाठी ने लिखा,”अपनी नाकामी छिपाने के लिए अफ़सर किस हद तक जा सकते हैं, ये उसकी बानगी है। लखनऊ के जेसीपी का एक ज़िम्मेदार पत्रकार के साथ इस तरह का शर्मनाक व्यवहार। अखिलेश यादव को मुख्यालय में दाखिल होने से रोक पाने में नाकाम मोर्डिया साहब पत्रकार पर खीझ निकालते हुए। शर्म करो।”

पत्रकार अभिनव पांडेय लिखते हैं कि आप कितने भी बड़े IPS क्यों ना हों। ये करने का अधिकार आपको क़ानून की कोई किताब नहीं देती। पत्रकार शुभम अपना काम कर रहे थे, कैमरा बंद कराने की कोशिश की, फिर लखनऊ के ज्वॉइंट कमिश्नर Piyush Mordia धक्का देने लगे। लड़का दमदार था, तन के खड़ा हो गया। फिर देखिए क्या हुआ?

@brijeshsingnews नाम के एक ट्विटर हैंडल से लिखा गया,”हे पुलिस, यह नादान है… नहीं जानता.. पुलिस के पास जेल है, जीडी है…IPC,CRPC का मालिकाना हक़ है, जिसका प्रयोग वह किसी व्यक्ति को डराने, जेल भेजने में कर सकती है, कर देती है। क़ानून से मत डरिये… जिसको क़ानून का रक्षक कहा जाता है उससे डरिये…मित्र पुलिस सदैव से ऐसा चाहती रही है।