कांग्रेस नेता सलमान निजामी ने उन्नाव गैंगरेप मामले में ट्वीट कर विवादित बयान दिया है। सलमान निजामी ने लिखा है कि बच्ची के बलात्कारी हिंदू हैं, इसलिए उन्हें बचाया जा रहा है। सलमान निजामी ने ट्वीट में लिखा- ”आप बच्चों के बलात्कारियों को बचाते हैं क्योंकि वे हिंदू हैं। और यह बड़े दुख की बात है। पुलिस और न्यायतंत्र पर विश्वास क्यों नहीं करते हैं? वे सब झूठ बोल रहे हैं। क्या तुम मनुष्य हो? क्या यही हिंदुत्व है? नहीं! यह हिंदुत्व नहीं है!” बता दें कि सलमान निजामी पहले भी अपने विवादित बयानों के चलते सुर्खियों में रहे हैं। निजामी ने 2015 में कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ली थी। लेकिन 2013 में कश्मीर की आजादी को लेकर किए गए उनके कुछ विवादित ट्वीट उनके और पार्टी के गले की फांस बन चुके हैं। गुजरात चुनाव के दौरान निजामी के पुरानी ट्वीट्स को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मे कांग्रेस को घेर लिया था। निजामी के पुराने ट्वीट्स से पार्टी की खूब किरकिरी हुई थी। हालांकि बाद में निजामी ने कहा था कि उनका अकाउंट हैक कर ऐसे ट्वीट किए गए थे। निजामी एक बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर भी विवादित टिप्पणी कर चुके हैं। उन्होंने योगी आदित्यनाथ की तुलना जाकिर नाइक से कर दी थी।
You defend child rapists simply because they are HINDU. And it’s so sad. Why not believe the Police/Judiciary? They ALL are lying? Are you humans ? Is this Hinduism? NO! This is not Hindusim!
— Salman Nizami (@SalmanNizami_) April 11, 2018
निजामी ने कहा था- ”जिस व्यक्ति ने मुस्लिम लड़कियों को कब्र से निकालकर बलात्कार करने की बात की और जिसके खिलाफ दंगे और हत्या के मुकदमे हैं उसे मुख्यमंत्री बना दिया गया जबकि जाकिर नाइक के खिलाफ ऐसा कोई मुकदमा नहीं है उसे देश में आने नहीं दिया जा रहा है।” निजामी के इस विवादित बयान के बाद उनके खिलाफ मानहानी का मुकदमा भी किया गया था। बता दें कि उन्नाव गैंगरेप मामले में आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।
नाबालिग से रेप के आरोप में विधायक सेंगर के खिलाफ उन्नाव के माखी थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 363, 366, 376, 506 और पॉस्को एक्ट में केस दर्ज किया गया है। मारपीट और रेप मामले में विधायक के भाई अतुल सिंह सेंगर को गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले में आधा दर्जन पुलिसकर्मियों को भी लापरवाही बरतने के चलते निलंबित किया गया है। यूपी पुलिस ने बताया कि केस सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया है, लेकिन एसआईटी अपना काम करती रहेगी।