भाजपा इन दिनों ऐसे कई राज्यों में अपनी उपस्थिति बढ़ाने की कोशिश कर रही है, जिनमें हाल के समय तक पार्टी का जनाधार ना के बराबर रहा था। इन राज्यों में पश्चिम बंगाल और केरल का नाम प्रमुख है। खासकर पश्चिम बंगाल में भाजपा की कोशिशों का असर दिखाई भी देने लगा है। पश्चिम बंगाल में हालांकि भाजपा को टीएमसी जैसी मजबूत पार्टी की कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा और टीएमसी नेताओं की हालिया बयानबाजी में इस प्रतिद्वंदिता का असर दिखाई भी पड़ता है। अब ताजा मामले में पश्चिम बंगाल की सीएम और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी और भाजपा के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बीच ट्विटर पर भिड़ंत हो गई है। ट्विटर पर हुई इस भिड़ंत में दोनों नेताओं ने एक दूसरे पर निशाना साधा।

दरअसल इसकी शुरुआत अभिषेक बनर्जी ने की और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को पश्चिम बंगाल में किसी भी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की चुनौती दी थी। अभिषेक बनर्जी के इस बयान पर कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट कर निशाना साधा। जिसके बाद अभिषेक बनर्जी ने भी अपने अंदाज में विजयवर्गीय को जवाब दिया। बता दें पश्चिम बंगाल की डायमंड हार्बर लोकसभा सीट से सांसद अभिषेक बनर्जी ने एक जनसभा के दौरान मंच से बोलते हुए कहा कि ‘मैं अमित शाह को चुनौती देता हूं कि वह बंगाल की किसी भी सीट से चुनाव लड़ लें। मैं उन्हें हराने की जिम्मेदारी लेता हूं।’ गौरतलब है कि ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस पार्टी ने अपने आधिकारिक पेज पर अभिषेक बनर्जी के इस बयान को ट्वीट किया है।

टीएमसी के इस ट्वीट पर कैलाश विजयवर्गीय ने अभिषेक बनर्जी को संबोधित करते हुए ट्वीट किया कि “राजनीति में गलतफहमियां लाइलाज होती हैं! इन्हें मत पालिए श्रीमान क्योंकि अपने घर के सामने तो…..(डेस डेस) भी शेर होता है। और तृण तृण का मूल बिखरते देर नहीं लगेगी!” अभिषेक बनर्जी ने भी कैलाश विजयवर्गीय के ट्वीट पर तुरंत पलटवार किया और एक अन्य ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘बिल्कुल सही कहा आपने, बात जब वफादारी की हो…..(डेस डेस) से बढ़कर कोई नहीं होता।’ आगे बंगाली में लिखते हुए अभिषेक बनर्जी ने लिखा कि ‘मैं बंगाली में विनती करता हूं क्योंकि यह मेरी मातृ भाषा है, मेरे राज्य की भाषा है कि तुम और दिल्ली के तुम्हारे नेता पहले ये सीख लें कि कैसे बोला और लिखा-पढ़ा जाता है, उसके बाद राज्य में जीत हासिल करने के बारे में सोचना।’