बिहार सरकार में मंत्री तेज प्रताप यादव इन दिनों कई बार साइकिल चलाते हुए दिखाई दिए। इस बीच फिर उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से साइकिल चलाने का एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो के साथ उन्होंने कहा कि सफलता एक दिन में नहीं मिलती है। उनके द्वारा शेयर की गई वीडियो पर कुछ लोगों ने तंज कसते हुए सवाल किया वहीं कुछ यूज़र्स ने मजे लेते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी है।

तेज प्रताप यादव ने शेयर किया वीडियो

तेज प्रताप यादव ने साइकिल चलाने का वीडियो शेयर करते हुए लिखा,’रातों-रात सफलता जैसा कुछ नहीं होता, कोई शॉर्टकट नहीं होता। आगे बढ़ते रहने के लिए दृढ़ संकल्प और साहस की आवश्यकता होती है।’ उनके द्वारा शेयर किये गए वीडियो में एक गाना भी चल रहा है और वह साइकिल से ही सदन पहुंच रहे हैं। जो गाना है कि ‘हमारा जनात बबुआ जी एम होईहैं ना ना ललना डी एम होईहैं हो, ये ललना 3 हिंद के सितारा इ ता सी एम होईहैं ओसे उपरा पीएम होईहैं हो।’

लोगों ने वीडियो पर किये ऐसे कमेंट्स

@ramnivaskumar नाम के एक ट्विटर यूजर ने कटाक्ष करते हुए लिखा कि शॉर्टकट तो है क्योंकि लालू यादव के पुत्र हो इसीलिए सफलता मिल गई। कितने यादव परिवार हैं जिन्होंने आरजेडी को बढ़ाने में जीवन खपा दिया होगा लेकिन उनको मिला क्या? @TajinderSTS नाम के एक ट्विटर यूजर ने सवाल किया- आज क्या सपना आया ? कभी कोई मंत्रालय का काम भी करते हो? @iamAshwiniyadav नाम के एक यूजर लिखते हैं कि तो पीछे कार दौड़ाने का भी तो कोई औचित्य नहीं है न भैया, अब जब डीजल/पेट्रोल जल रहा है तो उसी से चले जाते आप।

@OfficeofAshishP नाम के एक ट्विटर हैंडल से लिखा गया कि फ़ायदा क्या इसका जब पीछे २-२ फॉर्च्यूनर ख़ाली चलवा रहा, कार्बन उत्सर्जन पर ऐसे लगेगा रोक ? इसलिए नेता का पढ़ा लिखा होना ज़रूरी है। @MonikaK58017917 नाम के एक यूजर ने कमेंट किया- समाज मे ये अच्छा मैसेज जायेगा, लोग साईकिल वाले को भी इज्जत देने लगेंगे।

@Biharyouth1 नाम के एक यूजर ने सवाल किया, ‘ऐसे कितने दिनों तक सरकारी गाड़ी पीछे-पीछे और आप साईकल पर आगे-आगे चलेंगे? तेजू जी, ये आप “CM होइहें, PM होइहें” बजा कर किसे और क्या संदेश देना चाह रहे?’

जानकारी के लिए इसे पहले भी तेज प्रताप यादव ने साइकिल से विधानसभा जाने का वीडियो शेयर किया था। इस विषय में उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि सपने में उन्हें समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव दिखाई पड़े और पर्यावरण बचाने के लिए साइकिल चलाने की उनसे प्रेरणा मिली। जिसके बाद मैंने साइकिल चलाई… सचिवालय साइकिल से जाने का फैसला किया, पर्यावरण को बचाया और नेताजी के संदेश को फैलाया।