केंद्र सरकार ने 6 लाख करोड़ रुपए के नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन का ऐलान किया है। इस स्कीम के जरिए रोड, रेलवे से लेकर पावर सेक्टर में इंफ्रास्ट्रक्चर से मोनेटाइजेशन किया जाएगा। इस मुद्दे पर विपक्ष नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोल रहा है। विपक्ष का कहना है कि केंद्र द्वारा सरकारी संपत्तियों को बेचने का इंतजाम किया जा रहा है। ऐसे में किसान नेता राकेश टिकैत ने भी नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए एक ट्वीट किया है।

उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लिखा है कि सेल ऑफ इंडिया की तरफ जा रही है सरकार। राकेश टिकैत के ट्वीट पर यूजर्स ने कमेंट भी किया है। एक टि्वटर यूजर ने उन पर भरोसा जताते हुए लिखा कि आपको इसे रोकना होगा, क्योंकि अब इनको रोकने का काम सिर्फ और सिर्फ किसान के बेटे ही कर सकते हैं टिकैत साहब।

@kasyap ट्विटर अकाउंट से कमेंट किया गया है कि भारत की अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है। अब व्यापारी अडानी और अंबानी का ही राज होगा, देश के समस्त सरकारी उपक्रम व्यक्तिगत हो गए। एक ट्विटर यूजर ने लिखा है कि वैसे चाचा निजीकरण की सबसे प्रमुख बुराई यह है कि इसमें वेतन के बदले काम करना पड़ता है। @amanpre3856828 टि्वटर हैंडल से लिखा गया कि अगले चुनाव के लिए पैसा इकट्ठा करना है.. समझा करो।

एक ट्विटर यूजर कमेंट करते हैं कि विकृत मानसिकता का इससे अच्छा उदाहरण देखने को नहीं मिलेगा। किसानों से इतनी नफरत है कि देश सम्पत्ति बिक रही है या फिर गिरवी रखी जा रही है। इसका विरोध करने के बजाय किसानों को बुरा भला कहने मे कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जा रही है। @rajeevpathak ट्विटर हैंडल से लिखा गया कि और आपका ‘खेल’ और चुनाव शुरू हो गया। एक ट्विटर यूजर लिखते हैं कि तुम जैसे लोगों के मुंह से ऐसी बातें अच्छी नहीं लगती। पहले अपने गिरेबान में झांक कर देखिए।

बता दें कि किसान आंदोलन के 9 महीने पूरे हो गए हैं। राकेश टिकैत इस आंदोलन का मुख्य चेहरा हैं। दिल्ली की सीमाओं पर अपनी मांगों के समर्थन में बैठे किसान हटने को तैयार नहीं है। जानकारी के लिए बता दें कि केंद्र सरकार के द्वारा पारित 3 कृषि कानूनों के विरोध में किसान धरने पर बैठे हुए हैं। उनकी मांग है कि तीनों कृषि कानून वापस लिए जाएं।