यूपी विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी सरकार में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। सपा में शामिल होने के बाद से ही स्वामी प्रसाद मौर्य बीजेपी को सत्ता से हटा देने की हुंकार भर रहे हैं। इसी बीच जब शुक्रवार को पीएम मोदी ने वाराणसी में एक रोड शो किया। पीएम मोदी के रोड शो में बड़ी संख्या में भीड़ देखने को मिली। इसी को लेकर जब स्वामी प्रसाद मौर्य से सवाल पूछा गया तो पढ़िए क्या जवाब मिला।
“सपा की सभाओं में सबसे अधिक भीड़”: दरअसल ABP न्यूज के एक कार्यक्रम में शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्य से पूछा गया कि क्या आप मान रहे हैं कि आज पीएम मोदी के रोड शो में भीड़ ज्यादा थी? इस पर जवाब देते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि “सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की सभा से ज्यादा भीड़ तो कहीं भी, कोई नहीं कर पाता और योगी जी-मोदी जी रैली में सिर्फ खाली कुर्सियां दिखाई पड़ती हैं।”
“एक दिन भीड़ इकट्ठी करने से नहीं मिलेगी कामयाबी”: स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि “बीजेपी वाले सभाएं नहीं करते हैं सिर्फ रोड शो करते हैं। इससे लंबा जाम लग जाता है, लोग परेशान होते हैं लेकिन सपा के नेता चुनावी सभाओं के माध्यम से अपार भीड़ को संबोधित करते हैं। योगी-मोदी की सभा से भीड़ गायब है इसलिए किसी एक रोड शो में थोड़ी भीड़ इकट्ठी होने से बीजेपी को बहुत बड़ी कामयाबी नहीं मिलने वाली है।”
“बीजेपी को मिला चुका बहुमत, अब बोनस की बारी है”: सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि “जब छः चरण में बीजेपी का सूपड़ा साफ हो चुका है तो सातवें चरण में, जिसे मोदी जी अपना गढ़ मानते हैं वहां भी सूपड़ा साफ होना तय हैं। 10 मार्च को योगी सरकार की विदाई भी तय हैं।” स्वामी प्रसाद के मौर्य के दावे पर योगी सरकार में मंत्री मोहसिन रजा ने जवाब देते हुए कहा कि “यूपी में बीजेपी को बहुमत मिल चुका है। अब सातवें चरण में होली का बोनस मिलने जा रहा है।”
बता दें कि चुनाव से ठीक पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने पिछड़ों, दलितों, गरीबों और नौजवानों की उपेक्षा का आरोप लगाकर मंत्री पद और बीजेपी से इस्तीफा दे दिया था। मौर्य के इस्तीफे के बाद योगी सरकार में मंत्रियों और बीजेपी के नेताओं के इस्तीफे की लाइन लग गई थी। बीजेपी के लिए इसे एक बड़ा झटका माना गया था। 10 मार्च को जब चुनाव के नतीजे सामने आएंगे तो ये साफ हो जाएगा कि स्वामी प्रसाद मौर्य के दावे में कितना दम है और बीजेपी को वह कितना नुकसान पहुंचाते हैं।