समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने रविवार (29 जनवरी 2023) को अपने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा की। जिसमें रामचरितमानस को लेकर दिए गए बयान के विवाद में घिरे सपा नेता और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य को राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी दी गई है। सपा के इस फैसले पर कटाक्ष करते हुए यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ने ट्ववीट के जरिये निशाना साधा है। जिस पर आप सोशल मीडिया यूज़र्स (Social Media Users) भी कई तरह के कमेंट कर रहे हैं।

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सपा साधा निशाना

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने स्वामी प्रसाद मौर्य को सपा में राष्ट्रीय महासचिव जाने पर निशाना साधते हुए लिखा,”मानसिक रूप से विक्षिप्त हो चुकी है समाजवादी पार्टी ने अपना हिंदू विरोधी चरित्र उजागर कर दिया है,श्रीरामचरितमानस मानस को अपमानित करने वाले को सपा बहादुर श्री अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय महासचिव बनाकर खुद सपा के ताबूत में आख़िरी कील ठोक दी है। “विनाशक काले विपरीत बुद्धि”, जय श्री राम।”

सपा नेताओं ने दिया ऐसा जवाब

सपा नेत्री नेहा यादव ने केशव प्रसाद मौर्य पर कटाक्ष करते हुए लिखा,” 69000 शिक्षक भर्ती घोटाले में आरक्षण की 18000 सीटों का घोटाला यूपी बीजेपी सरकार ने शुद्र मानकर हिन्दू अभ्यर्थियों के साथ किया। क्या 18000 हिन्दू OBC/SC/ST अभ्यर्थियों को आपकी सरकार न्याय देगी? या नकली हिन्दू बनने का ढ़कोसला करके ही काम चलाएंगे? बीजेपी द्वारा हमारे OBC भाइयों-बहनों को मानसिक दिवालिया बनाकर ट्वीटर पर शुद्र एकता के ख़िलाफ़ प्रोजेक्ट किया जा रहा है। आप अगर हिन्दू हैं तब आपको “राम मंदिर ट्रस्ट” में हिस्सेदारी क्यों नहीं मिली?” सपा विधायक तूफानी सरोज ने कमेंट किया- आप अपनी खैरात में मिली स्टूल संभाले वरना वो भी खिसक जाएगी…जय भीम।

सोशल मीडिया यूज़र के रिएक्शन

@abhishekdikshit नाम के यूजर्स ने लिखा,”समाजवादी ‘अहीरों’ की समस्या यह है कि उनके लिए धर्म – देश कुछ भी महत्वपूर्ण नही है, उनके लिए सबसे बड़ा अपनी जाति और अखिलेश है। ये वही लोग हैं तो आज़म के बोलने पर भी नही बोलते।” @aryan_rockon नाम के एक ट्विटर हैंडल से लिखा गया कि जिसकी भावना जैसी हो उसे ईश्वर उसी रूप मे दिखाई पड़ते हैं, बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर ने संविधान के प्रथम पृष्ठ पर राम दरबार का चित्र अवलोकित किया हैं, भगवान श्री कृष्ण ने कर्म फल का ज्ञान दिया हैं, राजनीति के लिए ईश्वर का अपमान उचित नहीं। @ankurkhare11 नाम के ट्विटर हैंडल से लिखा गया- आप एक हिंदुत्व वादी सरकार के मंत्री हैं …हमारे इस पूजनीय ग्रंथ का अपमान में सिर्फ़ ट्वीट नहीं चाहिये आपसे।

जानकारी के लिए बता दें कि हाल में ही स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस पर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था,”गाली कभी धर्म का हिस्सा नहीं हो सकता। अपमान करना किसी धर्म का उद्देश्य नहीं होता। जिन पाखंडियों ने धर्म के नाम पर पिछड़ो, महिलाओं को अपमानित किया, नीच कहा, वो अधर्मी हैं। किसने कहा रामचरितमानस धार्मिक ग्रंथ है? तुलसीदास ने तो नहीं कहा।”