पूरे देश में कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान हो रहा है। इसी पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट किया। उन्होंने लालू प्रसाद यादव पर टिप्पणी करते हुए लिखा कि, ‘जमानत मिलने का सबसे अच्छा उपयोग यही होगा कि लालू प्रसाद पटना में राबड़ी देवी को साथ लेकर कोरोना का टीका लें। इससे गरीबों ग्रामीणों के बीच वैक्सीन को लेकर संशय दूर होगा और टीकाकरण की गति बढेगी’।

इस ट्वीट के बाद लोगों ने उनका मजाक बनाना शुरु कर दिया। @rpsingh55 ट्विटर अकाउंट से लिखा गया है कि, ‘मतलब आपने माना तो सही कि लालूजी का अभी भी प्रभाव है जो जनता की सोच को प्रभावित कर सकते हैं। मतलब आप लोग सारे संसाधन के साथ भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं’।

पत्रकार दिलीप मंडल ने उनके इस ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए लिखा कि, ‘बिहार की जनता पर लालू यादव का प्रभाव और बिहार की जनता के लालू यादव के प्रति स्नेह को आप इस ट्वीट से समझ सकते हैं। नीतीश कुमार या सुशील मोदी को सत्ता तो मिली, पर जनता का वह भरोसा कभी नहीं मिल पाया, जो लालू यादव को हासिल है। विरोधी भी मानते हैं’ यह ट्वीट एक स्वीकारोक्ति है’।

एक यूजर ने उनके इस ट्वीट पर कमेंट करते हुए लिखा कि, ‘बिहार की जनता पर लालू यादव का प्रभाव और बिहार की जनता के लालू यादव के प्रति स्नेह को आप इस ट्वीट से समझ सकते हैं नीतीश कुमार या सुशील मोदी को सत्ता तो मिली, पर जनता का वह भरोसा कभी नहीं मिल पाया, जो लालू यादव को हासिल है विरोधी भी मानते हैं’।

@tasavvur12 हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा गया कि, ‘इतने सालों से सत्ता में हैं लेकिन बड़का मोदी और छोटका मोदी आम ग़रीब ग्रामीणों में अभी वो विश्वास अर्जित नही कर पाए जो लालूजी और राबड़ी जी ने हासिल कर रखा है’। एक टि्वटर यूजर ने कमेंट किया कि, ‘लालू प्रसाद यादव को इतना बदनाम करने और जेल में रखने के बावजूद विपक्ष का यह ट्वीट साबित करता है कि विपक्ष भी यह मानता है कि बिहार की गांव की रहने वाली गरीब जनता आज भी लालू प्रसाद यादव को सम्मान देती है’।

वहीं एक यूजर ने लिखा कि लालू प्रसाद यादव को इतना बदनाम करने और जेल में रखने के बावजूद विपक्ष का यह ट्वीट साबित करता है कि विपक्ष भी यह मानता है कि बिहार की गांव की रहने वाली गरीब जनता आज भी लालू प्रसाद यादव को सम्मान देती है।