सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 2016 के नवंबर हुई नोटबंदी (Demonetisation) के फैसले को सही बताते हुए नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) को क्लीन चिट दे दी है। पांच जजों की संविधान पीठ ने 2 जनवरी (सोमवार) को कहा कि इसकी प्रक्रिया में कुछ भी गलत नहीं पाया गया है। यह फैसला केंद्र और आरबीआई (RBI) के बीच परामर्श करने के बाद ही लिया गया था। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर सोशल मीडिया यूज़र्स (Social Media Users) तरह- तरह के रिएक्शन देते नजर आ रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला
पांच जजों की संविधान पीठ में जस्टिस एस अब्दुल नजीर, बीआर गवई, एएस बोपन्ना, वी रामसुब्रमण्यम और जस्टिस बीवी नागरत्ना ने नोटबंदी के खिलाफ दायर 58 याचिकाओं पर सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा,”500 और 1000 के नोट बंद करने की प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। इस आर्थिंक फैसल को अब पलटा भी जा सकता है।” बता दें कि पांच जजों की पीठ में यह फैसला चार-एक के बहुमत से सुनाया। जस्टिस बीवी नागरत्ना ने इस फैसले को गैरकानूनी बताते हुए कहा कि यह फैसला अध्यादेश के बजाय कानून के जरिए ले आना चाहिए था।
सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी पर सुनाया फैसला तो सोशल मीडिया पर आये ऐसे रिएक्शन
पत्रकार सुशांत सिन्हा ने कमेंट किया,”विपक्ष की नए साल की बोहनी ही खराब हो गई… नरेन्द्र मोदी सरकार को एक और क्लीन चिट।” पत्रकार रणविजय सिंह ने लिखा- नोटबंदी के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने सही बताया। बिल्कुल चौकाने वाला फैसला है, है ना? कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ट्वीट किया,”कुछ लोग सोच रहे थे कि सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला “नोटबंदी” के “ख़िलाफ़” आयेगा।”
@shavakanand नाम के एक ट्विटर हैंडल से लिखा गया,”नोट बंदी पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राहुल जी को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करना चाहिए।” @krishna44433740 नाम के एक यूजर ने कमेंट किया- माननीय सुप्रीम कोर्ट का फैसला सिर माथे। लेकिन जो लोग लाइनों में मर गए, अफरातफरी मची ,जिनका इलाज नहीं हो पाया, नोट बंदी के कारण अर्थव्यवस्था का सत्यानाश हुआ, यह सब तो नो बंदी का ही साईड इफेक्ट ही था न? नोट बंदी का कानूनी पक्ष भले ही सही हो लेकिन प्रभाव खतरनाक रहा?
2016 में सरकार ने लिया था नोटबंदी का फैसला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 को रात 8 बजे टीवी आकर अचानक से नोटबंदी का फैसला सुना दिया था। पीएम ने 500 और 1000 नोट को बंद कर देने का ऐलान किया था। इस फैसले के बाद लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ा था। जनता को घंटो लाइन में लगकर एटीएम से पैसे बदलवाने पड़े थे। विपक्ष ने सरकार के इस फैसले का कड़ा विरोध किया था।