ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को 18 जुलाई को थोड़ी राहत मिली। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस से जुबैर पर तुरंत कार्रवाई ना करने की भी बात कही है। अब सुप्रीम कोर्ट इस पूरे मामले की सुनवाई 20 जुलाई को करने वाला है। हालांकि कोर्ट ने मोहम्मद जुबैर पर दर्ज हो रहे एक के बाद एक FIR पर टिप्पणी की है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ‘जुबैर पर सभी FIR एक जैसी लगती है। ऐसा होता दिख रहा है कि एक मामले में जमानत मिलने के बाद दूसरे मामले में उसे रिमांड पर लिया जाता है। यह लगातार दुष्चक्र जारी है।’ इसके साथ ही जुबैर के मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने UP पुलिस को जुबैर के खिलाफ त्वरित कार्रवाई नहीं करने को कहा है।
लोगों की प्रतिक्रियाएं: आर्य नाम के यूजर ने लिखा कि ‘नूपुर पर भी एक जैसी एफआईआर हुई है, उसके लिए तो बहुत ज्ञान दिया जा रहा था।’ हिमांशु नाम के यूजर ने लिखा कि ‘वाकई आज सच की आवाज बनना अपनी जान को दांव पर लगाने जैसा है।’ यश शर्मा नाम के यूजर ने लिखा कि ‘आजम खां जैसा ही मामला हो गया है, एक में जमानत मिली तो दूसरी में गिरफ्तारी।’
एक यूजर ने लिखा कि ‘देश में हिटलरशाही चालू है इसलिए ऐसा हो रहा है!’ राजेश नाम के यूजर ने लिखा कि ‘सरकार उनकी है पर सिस्टम तो कांग्रेसी ही है।’ दिनेश नाम के यूजर ने लिखा कि ‘जनता की भावनाओं का ध्यान रखते हुए सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता है।’ परमिंदर राणा नाम के यूजर ने लिखा कि ‘टिप्पणी नहीं ऑर्डर दो जज साहब।’
मुजहर आजमी ने लिखा कि ‘अगर सुप्रीम कोर्ट को ऐसा ही लगता है तो जमानत क्यों नहीं दे देता?’ सुधाकर नाम के यूजर ने लिखा कि ‘सुप्रीम कोर्ट केवल टिप्पणी दे रहा है, वास्तविक राहत नहीं। मुझे समझ नहीं आता क्यों?’ मारकंड शुक्ला ने लिखा कि ‘अब ऐसे मामलों में थोड़ा बहुत बोल कर अपना दिल बहला लेते हैं तो क्या गलत है? वैसे भी सुप्रीम कोर्ट की कौन सी बात सरकार सुन ही रही है।’
बता दें कि कोर्ट ने जुबैर के खिलाफ यूपी में दर्ज 5 FIR में बिना SC की अनुमति के आगे पुलिस की कार्रवाई पर रोक लगाई है।जुबैर ने अपने खिलाफ यूपी में दर्ज सभी 6 FIR रद्द करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने जुबैर की याचिका पर नोटिस जारी कर यूपी पुलिस से जवाब तलब भी किया है।