समाचार चैनल ज़ी न्यूज़ द्वारा प्राइम टाइम शो डीएनए में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से संबंधित एक फेक न्यूज़ चलाई गई। इस फेक न्यूज़ को लेकर जब हंगामा हुआ तो मीडिया संस्थान ने माफी मांगी। ज़ी न्यूज़ ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए कहा कि वह माफी मांगते हैं। इसको लेकर कांग्रेस नेता श्रीनिवास बीवी ने तंज कसा है।

दरअसल, जी न्यूज़ द्वारा एक वीडियो को प्रसारित करते हुए बताया गया कि राहुल गांधी ने वायनाड में उदयपुर में हुई घटना पर बात करते हुए आरोपियों के विषय में कहा कि वह बच्चे हैं। जबकि सच्चाई यह थी कि राहुल गांधी ने हाल में ही वायनाड में कांग्रेस के कार्यालय में हुई तोड़फोड़ के बारे में बात कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने तोड़फोड़ करने वाले लोगों को लेकर कहा कि वह बच्चे हैं। मुझे नहीं लगता कि वह इस प्रकार की चीजों के परिणामों को समझते हैं।

मीडिया संस्थान ने मांगी माफी : ज़ी न्यूज़ एंकर रोहित रंजन ने माफी मांगते हुए अपने सोशल मीडिया हैंडल से लिखा कि कल हमारे शो डीएनए में राहुल गांधी का बयान उदयपुर की घटना से जुड़कर गलत संदर्भ में चल गया था, ये मानवीय भूल थी। जिसके लिए हमारी टीम क्षमा प्रार्थी हैं, हम इसके लिए खेद जताते हैं।

कांग्रेस नेता ने बोला हमला : यूथ कांग्रेस अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने रोहित रंजन पर निशाना साधते हुए कमेंट किया कि मिस्टर चरण चुंबक, सॉरी, रंजन इसे मानवीय भूल नहीं कहते, जानबूझकर किया गया पाप कहते हैं। तुमसे पहले जो यहां चौधरी था उसे भी बहुत गुमान था। वो एक दिन तुम भी जाओगे लेकिन जाते-जाते क्या कमाओगे, ये देख लेना बस। ये तुम्हारे DNA की Fake News साबित होगी।

कांग्रेस नेताओं ने जी न्यूज़ के कार्यालय के बाहर किया प्रदर्शन : समाचार चैनल द्वारा फेक न्यूज़ चलाए जाने के बाद कांग्रेस नेता और कार्यकर्ताओं ने जी न्यूज के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के वीडियो को शेयर करते हुए कांग्रेस नेता श्रीनिवास बीवी ने लिखा कि देश की बर्बादी के लिए जिम्मेदार मोदी मीडिया के खिलाफ ये लड़ाई का ऐलान है।

बीजेपी नेता राज्यवर्धन राठौर सहित कई नेताओं ने शेयर किया था वीडियो : राज्यवर्धन राठौर ने भी राहुल गांधी का वीडियो शेयर करते हुए लिखा था कि सुनिए, आतंकी इनके लिए बच्चे हैं। कल ये इन्हें मासूम कहेंगे और परसों इनके समर्थन में प्रदर्शन करेंगे। आज जिहादी आतंक की विषबेल जो फैली है, उसका बीच किसने बोया, सींचा और बड़ा किया, स्वयं सोचिए। मुसलमानों का पहला हक है… बोलने वाले इन लोगों के लिए वाक्यों का मोल नहीं।