यूपी के पूर्व सीएम और सपा प्रमुख अखिलेश यादव का काफिला शनिवार (8 जून, 2019) को सड़क किनारे ठेले पर भुट्टा देखकर अचानक रुक गया। अखिलेश यादव ने भुट्टा खरीदने के लिए दाम पूछा तो मजाकिया लहजे में चौंकते हुए कहा, ‘बहुत महंगा दे रहे हो।’ पूर्व सीएम बाराबंकी में जहरीली शराब से मरने वाले लोगों के परिजनों से मुलाकात के लिए पहुंचे थे। उन्होंने प्रसिद्ध लोधेश्वर महादेव मंदिर में भी पूजा की। इसके बाद लौटते वक्त उनका काफिला जैसे ही रामनगर इलाके के केसरीपुर रेलवे क्रॉसिंग पर पहुंचा काफिले में शामिल सारे वाहन अचानक रुक गए। काफिला रुका तो सभी लोग हैरान रह गए। दरअसल वह भुट्टा खाने की मंशा से वहां रुके थे।
अखिलेश ने इस दौरान भुट्टा बेच रहे व्यक्ति से पूछा कि यह भुट्टा कहां का है। इसके जवाब में ठेले वाले ने कहा, बहराइच का है।’ अखिलेश ने कहा, ‘अच्छा है कम मीठा है। कितने में बेच रहे हो?’ ठेले वाले ने कहा, ‘दस रुपए का है।’ इस पर अखिलेश ने तुरंत मजाकिया लहजे में जवाब देते हुए कहा, ‘बहुत महंगा दे रहे हो।’ इसके बाद पूर्व सीएम ने शख्स से एक भुट्टा लिया और खुद उसपर नींबू लगाकर अपने वाहन में बैठकर भुट्टा खाने लगे। इसके बाद उनका काफिला आगे बढ़ गया। वहां मौजूद वीडियो बना रहे एक शख्स ने अखिलेश से जब पूछा कि जो भुट्टा उन्होंने खरीदा है वो महंगा तो नहीं मिला। उन्होंने कहा, ‘नहीं…नहीं… दस रुपए का है। क्या महंगा दिया।’
बता दें कि जहीरीली शराब से लोगों की मौत पर अखिलेश ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर खूब निशाना साधा। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया। पूर्व सीएम ने कहा कि शराबकांड में 26 लोगों की मौत हो गई और मृतक के परिजनों को सिर्फ दो-दो लाख रुपये मुआवजा दिया गया। पीड़ित महिलाएं और उनके बच्चों के भविष्य का क्या होगा…? सरकार को कम से कम 20-20 लाख रुपए मुआवजा पीड़ित परिवारों को देना चाहिए और पीड़ित परिजनों को पेंशन दी जानी चाहिए।
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