भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं द्वारा ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने से भड़कीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमत्री ममता बनर्जी और उनके तृणमूल कांग्रेस के प्रमुख नेताओं ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे ट्विटर और फेसबुक पर अपनी डीपी बदल दी। अब उनकी डीपी में जय हिंद, जंय बांग्ला लिखा नजर आ रहा है। तृणमूल के आधिकारिक ट्विटर और फेसबुक अकाउंट की डीपी भी बदलकर जय हिंद, जय बांग्ला कर दी गई। इनकी डीपी में महात्मा गांधी, क्रांतिकारी नेता नेताजी सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, मातंगिनी हाजरा, नोबेल पुरस्कार विजेता कवि रवींद्रनाथ टैगोर और कवि काजी नजरूल इस्लाम की तस्वीरें हैं। 19वीं सदी के बंगाल के पुनर्जागरण के अगुआ ईश्वर चंद्र विद्यासागर, राजा राम मोहन राय, धार्मिक और सामाजिक विचारक स्वामी विवेकानंद और भारतीय संविधान के जनक बी. आर. अम्बेडकर की तस्वीर भी डीपी में शामिल की गई है। हालांकि, डीपी बदलने के बाद सोशल मीडिया यूजर्स उन्हें ट्रोल करने लगे हैं।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टि्वटर यूजर सचिन पुराणिक @pauraniksachin ने एक तस्वीर पोस्ट की है। इसमें बंगाल की जेल में बंद दो एक कैदी आपस में बात कर रहे हैं। एक कैदी पूछता है, ‘तुमने क्या जुर्म किया है?’ कैदी कहता है, ‘मर्डर और तुमने?’ इसके जवाब में दूसरा कैदी कहता है, ‘जय श्री राम के नारे लगाए थे।’ टि्वटर यूजर @AnimeshBandyo ने लिखा, “जय श्री राम, जय हनुमान।” @GdBakshiJe ने लिखा, “काश मैं ऐसी शायरी लिखूं श्रीराम तेरी याद में, तेरी तस्वीर दिखाई दे हर अल्फाज में। जय श्री राम।”

टि्वटर यूजर @Rename_India ने लिखा, “जय श्री राम। भगवान आपकी दुर्बुद्धि दूर कर सदबुद्धि दें। आप जल्दी ठीक हों। राम से प्यार कीजिए, वे आपसे प्यार करेंगे। आप राम से नफरत कीजिए, फिर भी वे आपसे प्यार करेंगे। जय श्री राम।” @Amankumramishra ने लिखा, “सारे जग में एक ही नारा एक ही नाम जय श्री राम।” @niranjanchauh19 ने लिखा, “जा पर कृपा राम की होई ता पर कृपा करे सब कोई। जय श्री राम। जय माता दी,जय मां दुर्गा,जय श्री राम,जय हनुमान, राम सिया राम सिया राम जय जय राम राम सत्य परिणाम नित्य है। राम राम राम श्रीराम राम भरताग्रज राम।”

गौरतलब है कि एक दिन पहले एक फेसबुक पोस्ट में बनर्जी ने भाजपा पर धर्म को राजनीति के साथ मिलाने का आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने लोगों से किसी भी तरह की अराजकता और अशांति को रोकने का आग्रह किया। बनर्जी और तृणमूल के अन्य नेताओं ने पिछले महीने कोलकाता में भाजपा प्रमुख अमित शाह के चुनाव रोड शो के दौरान हुई हिंसा और विद्यासागर की मूर्ति तोड़े जाने के विरोध में विद्यासागर की तस्वीर प्रदर्शित करने के लिए अपनी सोशल मीडिया डीपी को बदल दिया था।

बनर्जी ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा, “जय सिया राम, जय राम जी की, राम नाम सत्य है आदि धार्मिक और सामाजिक धारणाएं हैं। हम इन भावनाओं का सम्मान करते हैं। लेकिन भाजपा धर्म को राजनीति के साथ मिलाकर धार्मिक नारे जय श्री राम का अपने पार्टी के नारे के रूप में गलत तरीके से इस्तेमाल कर रही है।” उन्होंने कहा, “हम तथाकथित आरएसएस के नाम पर दूसरों पर राजनीतिक नारों को थोपने का सम्मान नहीं करते जिसे बंगाल ने कभी स्वीकार नहीं किया। यह बर्बरता और हिंसा के माध्यम से नफरत की विचारधारा को बेचने का एक जानबूझकर किया जा रहा प्रयास है जिसका हमें विरोध करना चाहिए।”