Jammu and Kashmir Pulwama Awantipora Terror Attack: पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को सबक सिखाने की मांग के बीच केंद्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार (21 फरवरी) को ट्वीट कर कहा कि अब तीन नदियों का पानी पाकिस्तान नहीं जाने दिया जाएगा। उन्होंने ट्वीट किया, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने फैसला लिया है कि पाकिस्तान जाने वाला भारत के हिस्से का पानी अब वहां नहीं जाने दिया जाएगा। पूर्वी भारत की इन नदियों के पानी को डायवर्ट कर उसे जम्मू-कश्मीर और पंजाब के लोगों को मुहैया कराएंगे।” उन्होंने बताया कि शाहपुर-कांदी रावी नदी पर डैम बनने का काम शुरू भी हो गया है।
गडकरी ने बुधवार (20 फरवरी) को उत्तर प्रदेश के बागपत में भी अपने मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं और उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा था कि वह जो कहते हैं, उसे करके दिखाते हैं। उन्होंने कहा था, “अभी हमारे देश की 3 नदियों का पानी पाकिस्तान जा रहा है। अब हम एक प्रोजेक्ट बनाने की तैयारी कर रहे हैं और इन तीनों नदियों का पानी यमुना में मिलाएंगे। इससे एक बार फिर से यमुना नदी में ज्यादा पानी होगा।”
गडकरी के इस बयान पर कई सोशल मीडिया यूजर्स उन्हें ट्रोल भी करने लगे। @MinorityMuslims ने लिखा, “सत्ता में आने के बाद 4.5 साल तक क्या कर रहे थे? जुमलेबाजी!” @shubho777 ने लिखा, “जरा ब्रह्मपुत्र नदी का मैप निकाल के भी देख लीजिए भाई।” @SatyaJeet2303 ने लिखा, “बोल लिया निकल लिया… बस यही हो रहा 5 साल से।”
गडकरी ने बागपत में मेरठ-बागपत राष्ट्रीय राजमार्ग— 334 बी दो लेन पेव्ड शोल्डर निर्माण के शिलान्यास भी किया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने गंगा को निर्मल बनाने की चुनौती स्वीकार की है। इसके लिए हमने सभी नाले, नदियों को भी शुद्ध करने का संकल्प लिया है। बागपत क्षेत्र के लिये 100 करोड़ रुपये की योजना मंजूर कर दी गयी है, जो 18 महीने में पूरी होगी।
गडकरी ने कहा कि यमुना के ऊपर पानीपत सोनीपत के जल शुद्धिकरण की परियोजना पूरी कर ली है। हमारे मंत्रालय ने गन्दा पानी शुद्ध करके इंडियन आयल को 18 करोड़ रुपये में बेच दिया है। उन्होंने कहा कि बागपत में नया रिवरर्पोर्ट बनेगा। इस जलमार्ग का शुभारंभ आने वाले दो-तीन महीने में होगा।
वहीं, बुधवार को ही मेरठ में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नमामि गंगे के तहत काली नदी समेत देश की 40 अन्य नदियों की 26 हजार करोड़ रुपये की लागत से सफाई का काम होगा। मार्च 2020 तक प्रयाग में गंगा का पानी पीने लायक हो जाएगा। इसमें 11 हजार करोड़ रुपये की 80 परियोजनाएं उप्र में हैं।
गडकरी ने कहा कि मेरठ के सभी नालों को एसटीपी से जोड़ते हुए साफ पानी ही नदी में छोड़ा जाएगा। इन नालों के कचरे से मिथेन गैस निकालकर मेरठ में बसें चलाई जा सकती हैं। उन्होंने इसका प्रस्ताव मेरठ के सांसद राजेंद्र अग्रवाल से मांगा।
उन्होंने कहा कि हवाई मार्ग से बस चलाने का खर्च मेट्रो से कम आएगा जिस पर ऑस्ट्रेलिया की टीम अनुसंधान कर रही है। दिल्ली में यमुना नदी पर 14000 करोड़ रुपये की परियोजना बनी है। दिल्ली से आगरा जलमार्ग से यात्री इटावा से प्रयाग तक जा सकेगा। यमुना नदी में 160 फीसद पानी बढ़ाया जाएगा।
गडकरी ने कहा कि बद्रीनाथ और केदारनाथ जाने के लिए ऐसी सड़क का निर्माण कराया जा रहा है कि यात्री पूरे साल वहां जा पाएंगे। अब चाहे बादल फटे या बर्फबारी हो, वहां की यात्रा में रुकावट नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए स्विट्जरलैंड के इंजीनियरों को बुलाया गया है। (भाषा इनपुट के साथ)