Congress President Rahul Gandhi’s Interview: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का एक इंटरव्यू सोशल मीडिया में चर्चा का विषय बन गया है। इंटरव्यू राहुल गांधी ने इंडिया टुडे मैगजीन के लिए दिया है। इस इंटरव्यू को मैगजीन के आगामी अंक में छापा जाएगा। इंडिया टुडे चैनल पर इस इंटरव्‍यू का प्रचार तो हो रहा है, लेकिन इसे दिखाया नहीं जाएगा। ऐसे में इसे लेकर सोशल मीडिया में लोगों की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। लोग इस बात पर हैरानी जता रहे हैं कि इतना बड़ा चैनल होने के बावजूद इंडिया टुडे ने केवल मैग्‍जीन के लिए इंटरव्‍यू लिया! कई लोग यह भी कह रहे हैं कि कुछ लोगों का कहना है कि राहुल गांधी ने इंडिया टुडे को वीडियो इंटरव्यू दिया था, लेकिन बाद में उन्‍होंने इसे चैनल पर चलाने से मना कर दिया।

दो मई को चैनल पर इंटरव्‍यू के प्रसारण का टिकर भी चलाया गया था। इंडिया टुडे के ट्विटर हैंडल से बताया गया था कि ”इंडिया टुडे टीवी पर देखिए राहुल गांधी का सबसे सारगर्भित इंटरव्‍यू।” इंटरव्‍यू के दौरान की जो तस्‍वीरें छापी गई हैं, उसमें राहुल गांधी के कुर्ते के कॉलर में लैपल माइक लगा दिख रहा है। मतलब, इंटरव्‍यू रिकॉर्ड हुआ था।

इंडिया टुडे टीवी के टिकर का स्क्रीनशॉट।

जब यह इंटरव्‍यू टेलिकास्‍ट नहीं हुआ तो व्‍हाट्सऐप के जरिए मैसेज फैला कि इंडिया टुडे ने राहुल गांधी के कहने पर इंटरव्‍यू नहीं दिखाने का फैसला लिया। व्‍हाट्सऐप से होते हुए यह चर्चा ट्विटर तक पहुंच गई। ट्विटर पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि इंडिया टुडे ने अपने मैगजीन की कवर पर राहुल गांधी के जो तस्वीर लगाई है उसमें राहुल के ने माइक लगा रखा है। इस पर भी लोग सवाल कर रहे हैं कि कैमरे के सामने बैठ, माइक लगाकर प्रिंट के लिए कौन इंटरव्यू देता है?

इंडिया टुडे की खबर के लिंक का स्क्रीनशॉट।

इंडिया टुडे चैनल के कंसल्‍टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई ने इसका लिंक शेयर करते हुए इसे राहुल गांधी का सबसे ज्‍यादा ‘इन-डेप्‍थ’ इंटरव्‍यू करार दिया।

इंटरव्‍यू में क्‍या बोले राहुल: बीच चुनाव ‘इंडिया टूडे’ मैग्‍जीन को दिए इंटरव्‍यू में राहुल ने कई बातें कहीं। उन्‍होंने कहा कि देश में बड़ा मुद्दा बेरोजगारी है, पर बीजेपी इससे ध्‍यान हटाने के लिए राष्‍ट्रीय सुरक्षा को ज्‍यादा बड़ा मुद्दा बता रही है। उन्‍होंने बताया कि कांग्रेस की नीतियां 2012 तक कारगर रहीं, पर उसके बाद कमजोर पड़ने लगीं। 2012 से 2014 के बीच जो यूपीए ने किया, वही नरेंद्र मोदी ने जारी रखा। वह यह मान नहीं रहे कि 1990 के दशक में जो चलता था, वह अब नहीं चल सकता। चुनाव के साझीदारों के बारे में उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस का गठबंधन कई राज्‍यों में है और कुछ राज्‍यों में नहीं भी है, जो ठीक ही है। यूपी के बारे में उन्‍होंने कहा कि वह चाहते थे वहांं गठबंधन हो, लेकिन सपा-बसपा को लगा कि उन्हें ही मिल कर लड़ना चाहिए। मैंने कहा- ठीक है। कांग्रेस अपनी जगह पाएगी। राहुल ने बताया कि उन्‍होंने प्रियंका और ज्‍योतिरादित्‍य (सिंंधिया) से यही कहा है कि यूपी में बीजेपी को हराना एजेंडा नंबर 1 है। पीएम बनने की इच्‍छा के सवाल पर वह बोले- यह निर्णय लेने वाला मैं कौन होता हूं ?

इंडिया टुडे के हवाले से बताया गया है कि राहुल गांधी ने कहा- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ईमेज ही उनकी ताकत है..मैं इसेे तहस नहस कर दूंगा। राहुल गांधी का ये बयान भी सोशल मीडिया में बहस का कारण बना हुआ है। एक यूजर ने लिखा कि राहुल गांधी की सिर्फ चाहत है इसलिए वो मोदी की छवि धूमिल करेंगे। मतलब राहुल गांधी जोकर की तरह है जिसका मकसद सिर्फ दुनिया को जलते देखना है।

बकौल इंडिया टुडे राहुल गांधी ने कहा कि – 23 मई को यूपीए सरकार बनने जा रही है। दो सीटों से चुनाव लड़ने पर भी कांग्रेस अध्यक्ष ने अपनी बात रखते हुए कहा कि, ‘मैंने कभी अमेठी और वायनाड को लेकर कोई फैसला नहीं किया। मैं दक्षिण को एक संदेश देना चाहता हूं कि वे महत्वपूर्ण है। अमेठी में मुझे हार का कोई डर नहीं है।’ सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर भी राहुल गांधी ने कहा कि यूपीए सरकार ने तीन बार सर्जिकल स्ट्राइक किया, लेकिन इसका कभी ढिढोरा नहीं पीटा। सेना पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।