दलित छात्र रोहित वेमुला खुदकुशी मामले में संसद में बसपा सुप्रीमो मायावती और तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी एक दूसरे से भिड़ गई थी। संसद में चल रही बहस के दौरान दोनों नेता एक दूसरे के सामने आ गई। स्मृति ईरानी ने मायावती से कहा था कि अगर आप हमारे जवाब से संतुष्ट नहीं हुई तो मैं अपना सिर काटकर आपके चरणो में रख दूंगी। उनके इसी बात पर मायावती ने पलटवार करते हुए कहा था कि मैं आपकी बात से संतुष्ट नहीं हूं क्या आप अपना किया गया वादा निभाएंगी?

दरअसल दलित छात्र रोहित वेमुला ने खुदकुशी कर ली थी। इसी मुद्दे पर मायावती ने स्मृति ईरानी को घेरते हुए कई सवाल पूछे थे। बसपा सुप्रीमो के सवालों का जवाब देते हुए स्मृति ईरानी ने कहा था कि, ‘ मैं इस सभा में कहती हूं मायावती जी अगर आप मेरे जवाब से संतुष्ट नहीं हुई। मैं आज बसपा के एक-एक कार्यकर्ता व आपके नेताओं से कहती हूं कि सर कलम करके आप के चरणो में छोड़ दूंगी अगर मेरे जवाब से आप असंतुष्ट हुई।’ उनकी इस बात पर मायावती ने कहा था कि मैं केवल इस सरकार से इतना चाहती हूं कि जो कमेटी बनाई गई है उसमें एक दलित सदस्य को जरूर रखना चाहिए।

मायावती इस बात पर स्मृति ईरानी ने भड़कते हुए कहा था कि उस कमेटी में दलित सदस्य हैं लेकिन आप उनकी जांच नहीं स्वीकार करेंगी। उन्होंने आगे यह कहा था कि उस यूनिवर्सिटी की चीफ वार्डन ही दलित है, लेकिन आप चाहती हैं कि मायावती जी नहीं कहेंगी कि वह दलित नहीं कहला सकते। इस दौरान मायावती के साथ खड़े कई सांसदों ने स्मृति ईरानी से सवाल करना शुरू कर दिया। शोर – शराबा मचाते हुए सांसद बार-बार स्मृति ईरानी से कह रहे थे कि हल्ला मचाने से काम नहीं चलेगा आपको इस पर जवाब देना होगा।

इन सवालों का जवाब देते हुए स्मृति ईरानी ने कहा था कि मैं पूरी तरह से सभी सवालों का जवाब देने के लिए तैयार हूं। यह लोग सबसे पहले इस बात का निर्णय ले लें कि यह किस तरह का प्रश्न मुझसे पूछेंगे। इस संसद में बैठे वरिष्ठ जनों से मेरा यह प्रश्न है कि देश के न्याय व्यवस्था को अधिकार है कि वह किस तरह का न्याय करेंगे।

स्मृति ईरानी कि इस बात पर मायावती ने कहा था कि अगर इस सदन में माननीय प्रधानमंत्री जी होते तो वह फौरन इस बात को लेकर तैयार हो जाते। अगर माननीय प्रधानमंत्री जी हमारी बात को नहीं मानते हैं तो उनकी भी नियत पर शक है मुझे। मायावती ने इस बहस के अगले दिन कहा था कि हमारी पार्टी रोहित मामले में स्मृति ईरानी के बयान से संतुष्ट नहीं है। उन्होंने कहा था कि मेरा मंत्री से यह कहना है कि क्या वह इस वादे को पूरा करेंगी? मंत्री को सदन में ऐसी गलत बयानबाजी नहीं करनी चाहिए। उनकी इस बात पर स्मृति ईरानी ने जवाब देते हुए कहा था कि, ‘ मैंने बीएसपी कार्यकर्ताओं को चुनौती दी थी। वह चाहे तो मेरा सिर काट कर ले जाएं।’