उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल यादव को सपा के चुनाव चिन्ह से मैदान में उतारा। इससे यह संदेश देने की कोशिश की गई कि अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच अब सब कुछ ठीक हो गया है लेकिन सपा के विधायक दल की बैठक में चाचा शिवपाल यादव को आमंत्रित नहीं किया गया। अब शिवपाल यादव ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।

सपा की बैठक में नहीं बुलाने पर क्या बोले शिवपाल यादव?: शिवपाल यादव से जब पूछा गया कि आप सपा की विधायक दल की बैठक में नहीं गए, ऐसा क्यों? इस पर उन्होंने कहा कि “हम समाजवादी पार्टी से विधायक हैं। सक्रीय सदस्यता लेकर ही मैंने चुनाव लड़ा है। मैंने दो दिन पहले सुना था कि विधानमंडल की बैठक है तो मैं लखनऊ में हो रुका था। मुझे पता चला कि सभी विधायकों को सूचना दी गई है मुझे नहीं दी गई।”

“अब मैं इटावा जा रहा हूं”: शिवपाल यादव ने कहा कि “अब मुझे इटावा जाना है अब इटावा जा रहे हैं। मुझे बैठक में नहीं बुलाया गया तो मैं नहीं गया।” चुनाव हारने पर शिवपाल यादव ने कहा कि “कुछ भूल हुई है। हमें जनता ने नहीं हराया है। इसकी चर्चा केंद्रीय नेतृत्व करे। समीक्षा करें। हम इस पर कोई बात नहीं करना चाहते।”

“दो दिन से बैठे थे कि बैठक में जाएंगे”: अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव ने यूपी तक से बातचीत करते हुए कहा कि “मुझे लगता है वह मुझे भी अभी गठबंधन का हिस्सा मानते हैं, सपा का सदस्य नहीं। अब हम इटावा जा रहे हैं, गठबंधन के लोगों को बुलायेंगे और बैठक करेंगे। दो दिन से हम लखनऊ में बैठकर इंतजार कर रहे थे कि बैठक होने वाली है लेकिन नहीं बुलाया गया तो हम जा रहे हैं।”

बता दें कि समाजवादी पार्टी में विवाद के बाद शिवपाल यादव ने सपा छोड़कर अपनी एक अलग पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) बना ली थी। इसके बाद 2022 विधानसभा चुनाव के वक्त अखिलेश यादव और शिवपाल ने साथ मिलाकर चुनाव लड़ने का फैसला किया था। हालांकि गठबंधन चुनाव हार गया। शिवपाल यादव ने कहा था कि सपा के नेताओं ने हमारे गठबंधन के लोगों से कोई मदद नहीं ली।