यूपी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी चुनाव हार गई है। अखिलेश यादव की तमाम कोशिशों के बाद सपा सरकार बनाने में असफल रही। नतीजे सामने आने के बाद से ही अखिलेश यादव चुप्पी साधे हुए हैं। हालांकि वह अभी भी EVM में हुई गड़बड़ी का मुद्दा ट्विटर के जरिए उठा रहे हैं। वहीं अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव ने सपा की हार पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
“सपा के कार्यकर्ता ओवर कांफिडेंट थे”: ABP न्यूज पर इंटरव्यू के दौरान शिवपाल यादव से हार के कारण के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि “हमें बैठकर चर्चा करनी पड़ेगी और समीक्षा करनी पड़ेगी, तब पता चलेगा कि हम चुनाव क्यों हारे और खामियां कहां रह गईं।” क्या पार्टी और कार्यकर्ता ओवर कांफिडेंट थे? इस सवाल के जवाब में शिवपाल यादव ने कहा कि “हमारे जितने भी कार्यकर्ता थे, वो ओवर कांफिडेंट थे और जो भी चालाकियां बीजेपी ने की, उसका हमारा संगठन मुकाबला नहीं कर पाया।”
“क्यों जीत गई बीजेपी?” शिवपाल यादव ने कहा कि “हमारे संगठन को निपुण होना चाहिए था लेकिन हम नहीं कर पाए। बीजेपी ने वोटर लिस्ट से सपा के वोटरों (यादव और मुसलमान) का नाम कटवा दिया। उससे भी हमें नुकसान हुआ है। बीजेपी वालों ने बहुत पैसे बांटे हैं, अंतिम चरण में बहुत पैसे बांटे गये हैं और मेरे अनुसार गरीबों को मिले राशन, किसानों को मिले सम्माननिधि की वजह से भी सपा को नुकसान पहुंचा है। हालांकि हमें वोट ज्यादा मिला है लेकिन हमें उम्मीद थी कि भाजपा के खिलाफ जनता है और भाजपा सत्ता से हट जाएगी लेकिन ऐसा हो नहीं पाया।”
“हमें संगठन में अपनी बात रखने का मौका नहीं मिला”: शिवपाल यादव से पूछा गया कि क्या इन मुद्दों को लेकर संगठन में आपने अपनी बात रखी? इस पर शिवपाल यादव ने कहा कि “हमें इतना मौका नहीं मिला, जितना हो सका था मैंने किया था लेकिन बातचीत करने का ज्यादा मौका हमें नहीं मिला। हमारे पास बहुत कम वक्त था, जब अखिलेश यादव और हमने मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया था।” शिवपाल ने कहा कि “हमारे संगठन (प्रसपा) ने जमीन पर काम किया है लेकिन जो गठबंधन (सपा+) के प्रत्याशी थे उन्होंने सहयोग नहीं लिया।”
बता दें कि शिवपाल यादव की पार्टी प्रसपा और सपा के बीच चुनाव से पहले गठबंधन हुआ था। शिवपाल यादव जसवंतनगर विधानसभा सीट से उम्मीदवार थे। शिवपाल यादव ने बीजेपी उम्मीदवार विवेक शाक्य को 90,979 वोटों से शिकस्त दी। जसवंत नगर विधानसभा सीट पर अब तक 16 चुनाव हुए हैं। 1996 से शिवपाल यादव यहां से लगातार चुनाव जीत रहे हैं।