उत्तर प्रदेश चुनाव (UP Election) के बाद सामने आए एग्जिट पोल में बीजेपी की सरकार दोबारा बनती हुई दिखाई दे रही है। जहां समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) सरकार बनाने का दावा कर रही थी वहीं एग्जिट पोल में वो बहुमत से दूर दिखाई दे रही है। हालांकि नतीजे 10 मार्च को सामने आएंगे। समाजवादी पार्टी के नेता अपने कार्यकर्ताओं से मतगणना केंद्र पर चौकन्ना रहने की सलाह दे रहे हैं और साथ में दावा कर रहे हैं कि सरकार तो सपा की ही बनेगी।
Exit Polls पर क्या बोले शिवपाल यादव?: अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के चाचा शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) ने एग्जिट पोल (UP Exit Polls) पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्विटर लिखा है कि “एग्जिट पोल्स द्वारा दिखाई जा रही तस्वीर आभासी, भ्रामक और अविश्वसनीय है। जनता इसके पीछे की मंशा को बहुत अच्छे से समझ रही है। समाजवादी गठबंधन पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने जा रहा रहा है। प्रत्याशी व कार्यकर्ता मतगणना तक सतर्क व सक्रिय रहें। निश्चय ही सफलता आपकी राह देख रही है।”
लोगों की प्रतिक्रियाएं: शिवपाल यादव के इस ट्वीट पर अब लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। शिवोहम नाम के यूजर ने लिखा कि “10 मार्च को चाचा जी बोलेंगे कि हमें जनता का जनादेश मंजूर है।” श्रदुल भदौरिया नाम के यूजर ने लिखा कि “क्या ही बोलूं साहब, चलो १० मार्च भी आ ही रहा है।” आशीष पाण्डेय ने लिखा कि “चाचा जी मन में तो लड्डू ही फूट रहा है आपके, एक सीट का दर्द जो है। खैर बोलते जाइये बोलने में क्या है।”
भोले यादव ने लिखा कि “एग्जिट पोल क्या बंगाल चुनावों में सही साबित हुये थे?” राकेश कुमार यादव ने लिखा कि “चोरों ने अपना दांव खेला है लेकिन दांव चलने वाला नहीं है। इसके लिए कुछ भी वो जाए, जेल जाना पड़े या जान देनी पड़े।” विनय नाम के यूजर ने लिखा कि “कभी तो हकीकत स्वीकार कीजिए।” शिवकुमार यादव नाम के यूजर ने लिखा कि “सर Exit Poll देख कर ऐसा लगा जैसे शरीर से जान निकल गयी हो और चलने का सामर्थ्य नहीं रहा।”
राकेश नाम के यूजर ने लिखा कि “2017 के एक्जिट पोल में भी भाजपा को आगे दिखाने पर विपक्ष ने मीडिया को कोसा था, तब रिजल्ट क्या था सबने देखा।” अभिषेक चौहान नाम के यूजर ने लिखा कि “बुलडोजर अबकी बहू ही चलवाएगी चाचा? तैयार रहो, बहुत घोटाला किया है पीडब्ल्यूडी में?” उमा देवी नाम की यूजर ने लिखा कि “ऐसे ही बंगाल में भी फर्जी एक्जिट पोल के ढोल बजे थे लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बनीं थी।”
रजत नाम के यूजर ने लिखा कि “असली बात तो ये है कि ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल का ठेका न्यूज एजेंसियों को एक साथ दे दिया गया था। बेचारों के पास मजबूरी थी, अपने मालिक को निराश कैसे करते?” गौरव शर्मा नाम के यूजर ने लिखा कि “सभी को ये समझना जरूरी है कि मतगणना के दिन होने वाली धांधली को छुपाने के लिए एक्जिट पोल का ढिंढोरा पीटा जाता है ताकि बाद में कहा जा सके कि हम तो पहले से जीत रहे थे। विपक्षियों को इसे समझना चाहिए और मुस्तैद रहना चाहिए।”