नुपुर शर्मा पर हुई कार्रवाई के बाद अब भाजपा के फैसले पर साध्वी प्राची ने सवाल खड़ा किया है। साध्वी प्राची ने ओवैसी को भी घसीटते हुए कहा है कि मुझे हंसी इसलिए आती है कि सच बोलने की सजा नुपुर शर्मा को मिल रही है। मैं नुपुर शर्मा और नवीन जिंदल के साथ हूं। मुस्लिम समुदाय के लोग धार्मिक भावनाओं को आहत कर रहे हैं, उन पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है?

साध्वी प्राची ने कहा कि ‘सरकार में हिम्मत हैं तो ओवैसी को गिरफ्तार करवा के दिखाए। वो कोई फूल नहीं बरसा रहा है। बरेली का तौकीर रजा ने सौ करोड़ लोगों को धमकी दी। देवबंद में जो जलसा हुआ, वहां मदनी ने जो कहा उस पर उसे भी गिरफ्तार करो।’ साध्वी ने कहा कि ‘जहां-जहां दंगा होता है, वहां पीएफआई और ISI का हाथ होता है। उन्होंने कहा कि जहां पर दंगे होते हैं, वहां मदरसे और मस्जिद को तुरंत प्रतिबंधित कर दिया जाए, फिर दंगा नहीं होगा। इतना ही नहीं साध्वी प्राची ने कहा कि अपने घर की महिलाओं को मुसीबत के समय अकेला छोड़ देना कोई धर्म या शास्त्र नहीं सिखाता है।

लोगों की प्रतिक्रियाएं: शिल्पी परिहार ने लिखा कि ‘साहब अब इनको भी संभाल लो, लुटिया डूबो देंगी!’ एक यूजर ने लिखा कि ‘देश के भीतर का कोई मुद्दा जब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बहस का विषय बन गया हो तब प्रत्येक और विशेषकर सत्तारूढ़ दल के सहयोगी संगठनों को ऐसे कोई बयान नहीं देने चाहिए जिनसे सरकार की विदेश नीति प्रभावित हो।’ दिलीप सोलंकी नाम के यूजर ने लिखा कि ‘विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी 4 दिन अपनी महिला कार्यकर्ता के साथ खड़ी नही हो पाई…! धिक्कार है’। मुरली मनोहर नाम के यूजर ने लिखा कि ‘यह काम सिर्फ बीजेपी कर सकती है जो मुसीबत में अपनों को छोड़ देती है और जलील भी कर देती है।’

नरेश चतुर्वेदी ने लिखा कि ‘आपके साहब इन लोगों को गिरफ्तार नहीं कर रहे हैं ना, साध्वी जी कृपया इनके लिए मुर्दाबाद के नारे ही लगा दीजिये।’ एक अन्य यूजर ने लिखा कि ‘अरब देशों में प्रतिक्रिया न हुई होती तो बीजेपी शायद ही अपने प्रवक्ताओं के ख़िलाफ कार्रवाई करने को सोचती। भारत सरकार को समझना चाहिए कि भारतीय मुसलमान भी भारत के नागरिक हैं। वे किसी मुल्क का मुंह नहीं ताकते।’

अर्चना नाम की यूजर ने लिखा कि ‘कमान से निकला हुआ तीर और मुंह से निकले हुए शब्द कभी वापस नहीं होता।’ राजेश मिश्र ने लिखा कि ‘ओवैसी तो भड़काऊ बयान देकर भाजपा का ही काम आसान कर रहे हैं।’ हरदीप ने लिखा कि ‘हिंदू देवी देवताओं पर अल्पसंख्यक समुदाय बेहूदा टिप्पणियां करते हैं, ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग को फव्वारा कहते हैं ,तब कोई मुस्लिम नेता क्यों अपने समाज को नसीहत नहीं देता।’

बता दें कि पैगंबर मोहम्मद पर अभद्र टिप्पणी करने के आरोप में बीजेपी ने अपने दो नेताओं नुपुर शर्मा और नवीन जिंदल पर कार्रवाई की है। इससे बीजेपी, लोगों के निशाने पर भी आ गई है। लोगों का कहना है कि हिन्दुओं के देवी-देवताओं पर टिप्पणी करने वाले लोगों पर भी कार्रवाई हो। बताया जा रहा है कि कई इस्लामिक देशों के कड़े रुख के बाद भाजपा ने अपने नेताओं पर कार्रवाई की है।