रोहिंग्या शरणार्थियों को नए सिरे से कहीं पर बसाने के लिए सुप्रीम कोर्ट रोक लगा चुका है, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक जब तक इस बारे में अंतिम फैसला नहीं आ जाता, रोहिंग्याओं को नई जगह पर नहीं ले जाया जा सकता है। समाचार चैनल आज तक ने कोलकाता से 40 किलोमीटर दूर रोहिंग्या शरणार्थियों के नए कैंपों की पड़ताल का दावा किया है। शरणार्थियों के लिए नए कैंप बनाए गए हैं, और इन्हें बनाने में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मदद की बात हो रही है। रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश और ममता सरकार के इस कदम पर आधारित डिबेट में आज तक चैनल पर चल रही तीखी बहस के दौरान बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा भड़क गए और ममता बनर्जी को ‘मुमताज बेगम’ के नाम से बुलाने लगे।

संबित पात्रा बहस के दौरान इस बात का जिक्र कर रहे थे कि ममता बनर्जी ने खुद कहा था कि वह यूएन की बात मानेंगी, भारत सरकार क्या कह रही हैं, उससे उन्हें कोई लेना देना नहीं है। क्या कहीं ऐसा होता है कि सरकार और सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ना मानते हुए तानाशाही का रवैया अपनाया जाए। इतना कहते हुए संबित बोल उठे कि इन्हें ममता नहीं, ‘मुमताज बेगम’ बोलिए।

 

डिबेट में संबित पात्रा से भी यह सवाल पूछा गया कि बॉर्डर पर जब सरकार की सेना तैनात है तो रोहिंंग्या मुसलमान घुसपैठ में कैसे सफल हो गए? डिबेट में शामिल राजनीतिक विश्लेषक मनोजीत मंडल ने उनसे यह सवाल किया, इसी के साथ एंकर अंजना ओम कश्यप ने भी इस सवाल पर जोर दिया। इस पर संबित पात्रा ने दलील दी कि सीमा पर ज्यादातर घुसपैठ 2012 के दौरान की है, तब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी। मोदी सरकार बनने के बाद से इक्का-दुक्का मामले आए। उन्होंने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी की मेहरबानी से रोहिंग्या घुसपैठ में कामयाब होते हैं।

टीवी डिबेट में संबित पात्रा और मनोजीत मंडल के अलावा, वीएचपी के प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी, माइनॉरिटी यूथ संगठन के मो. कमरुज्जमां, एआईएमआईएम के प्रवक्ता सैयद आसिम वकार शामिल थे। सैयद आसिम वकार ने अलग ही स्टैंड लिया और तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा की तुलना रोहिंग्या मुसलमानों से कर बैठे। उन्होंने कहा कि चीन भी दलाई लामा को आतंकवादी मानता है। इस पर टीवी एंकर ने वकार को नसीहत दी कि अपने देश की बात करें।