चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) इन दिनों बिहार में जन सुराज यात्रा पर निकले हैं। इस दौरान वह छोटी-छोटी गोष्ठियों के जरिए बिहार के लोगों से मुलाकात कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस तरह से वह ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ जुड़ सकते हैं। वहीं नई पार्टी बनाने के विषय में प्रशांत किशोर ने कहा है कि वह ऐसा कुछ नहीं करने जा रहे हैं लेकिन बिहार की दिशा बदलने की कोशिश जरूर कर रहे।
इन्हीं तमाम विषयों को लेकर प्रशांत किशोर एक न्यूज़ चैनल से बातचीत कर रहे थे। जिसमें पत्रकार ने उनसे पूछा, ‘ नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के बाद जेडीयू (JDU) का क्या होगा और लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के बाद तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) हो जाएंगे? क्या नीतीश और लालू के बाद इनकी पार्टी खत्म हो जाएगी?’ प्रशांत किशोर ने इसके जवाब में कहा कि यह उनका विषय है। अगर किसी राजनीतिक दल में अंदरूनी लोकतांत्रिक व्यवस्था को सही नहीं बना पाएंगे तो वह धीरे-धीरे खत्म हो जाएगी।
कांग्रेस (Congress) का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि उसकी हालत भी इसी कारण हुई है। प्रशांत किशोर ने कहा कि कांग्रेस को लेकर लोग कई तरह की बात करते हैं लेकिन उसका मूल कारण यही है कि उन्होंने नए लोगों को पार्टी में लाने के दरवाजे बंद कर दिए। इसके साथ उन्होंने कहा कि कांग्रेस को लोग तभी ज्वाइन करेंगे, जब उन्हें समझ में आएगा कि पार्टी में एक लोकतांत्रिक व्यवस्था है। जिसके जरिए समाज के लिए कुछ किया जा सकता है।
JDU और RJD पर उन्होंने कहा कि अगर बिहार के युवा इस पार्टी से नहीं जुड़ेंगे तो कुछ दिन बाद इसे खत्म ही हो जाना है। प्रशांत किशोर द्वारा कहा गया कि 1980 के दशक में कई तरह की पार्टियां चल रही थी, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (BJP) केवल एक छोटा सा हिस्सा थी। जिसके बाद बीजेपी बढ़ती गई और सो कॉल्ड सामाजिक पार्टियां खत्म हो गई।
उन्होंने आगे कहा कि 1984 के बाद कांग्रेस इस देश में ठीक से जीत नहीं पाई है क्योंकि पार्टी के क्रियाकलाप से नए लोग आना बंद हो गए। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि यह तो म्यूजिकल चेयर की तरह हो गया है, जिस पर 10 लोग बैठे हुए हैं। जानकारी के लिए बता दें कि इस दिन पहले इस बात पर चर्चा हो रही थी कि प्रशांत किशोर कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं लेकिन उन्होंने साफ किया कि वह कांग्रेस के साथ नहीं जा रहे हैं।